भरतपुर के बयाना में नींव खुदाई में मिली मध्यकालीन दुर्लभ जैन प्रतिमा

भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर जिले के बयाना उपखंड के खटनावली गांव में एक मकान निर्माण के दौरान मध्यकालीन दुर्लभ जैन प्रतिमा मिलने से जैन धर्मावलंबियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरातत्व विशेषज्ञों ने इस प्रतिमा की शिल्प शैली से इन्हें 10वीं से 12वीं सदी (मध्यकालीन काल) की दुर्लभ प्रतिमा बताया है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह क्षेत्र प्राचीन जैन संस्कृति का केंद्र रहा है। प्रतिमा मिलने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर प्रतिमा के दर्शन करने के साथ दीप जलाकर पूजा-अर्चना भी की।

सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि धनीराम गौड़ के मकान की नींव की खुदाई के दौरान लगभग सात फुट गहराई में सुंदर नक्काशीदार पत्थर की यह प्रतिमा मिली। प्रतिमा में ध्यानमग्न जैन तीर्थंकर की आकृति अंकित है, जिसके दोनों ओर खड़ी जैन मूर्तियां और ऊपर की ओर तोरण द्वार की कलात्मक नक्काशी स्पष्ट दिखाई देती है।

बताया जाता है कि प्राचीन काल में बयाना को महाभारत काल के असुर राजा ‘बाणासुर की नगरी’ कहा जाता था, जो भगवान शिव के भक्त थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बाणासुर की पुत्री उषा और भगवान कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के प्रेम संबंध के कारण यह स्थान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। बयाना में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित किले को महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है।

बयाना में बाणासुर की पुत्री उषा और अनिरुद्ध की प्रेम कहानी के प्रतीक प्रसिद्ध मंदिर उषा मंदिर के एक हिस्सा को बाद में ऊषा मस्जिद में बदल दिया गया था। बयाना का एक लंबा इतिहास है और यह मुगल काल में भी एक महत्वपूर्ण शहर था जो नील के व्यापार के लिए भी प्रसिद्ध था। खुदाई में जैन प्रतिमा के मिलने के बाद इतिहास और आस्था से जुड़ा बयाना क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में है।