भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घरेलू और वैश्विक कारकों के मद्देनजर रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।

केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को बताया कि घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, लेकिन व्यापार और दूसरे देशों द्वारा लगाए गए आयात शुल्क के कारण निर्यात को लेकर चिंता बनी बरकरार है।

इन कारकों को देखते हुए एमपीसी ने रेपो दर तथा अन्य दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रेपो दर 5.50 प्रतिशत पर बनी रहेगी। साथ ही स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी रेट 5.25 प्रतिशत पर, मार्जिनल स्टैंडिग फैसिलिटी रेट 5.75 प्रतिशत, बैंक रेट 5.75 प्रतिशत और फिक्स्ड रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी। केंद्रीय बैंक ने अपना रुख भी निरपेक्ष बनाये रखा है।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान भी 3.1 फीसदी से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया गया है। मल्होत्रा ने कहा कि रिजर्व बैंक रुपये में आ रही गिरावट पर भी नजर रखे हुए है और जब भी जरूरत महसूस होगी उचित कदम उठाएगा।