पार्टी को पुर्नजीवित करने का लिया था संकल्प : सचिन पायलट

डीडवाना-कुचामन। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने वर्ष 2013 से 2018 तक के समय को कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा है कि उस समय कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने पार्टी को पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया था और उस समय युवा कांग्रेस नेता मुकेश भाकर ने उनका पूरा साथ दिया था।

पायलट लाडनूं में शनिवार को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश भाकर के समर्थन में चुनावी सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने भाकर को कांग्रेस पार्टी के सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित सबका उम्मीदवार बताते हुए कहा कि इनको फिर यहां से प्रत्याशी बनाया गया है और इस बार इन्हें और ज्यादा मतों के अंतर से जीताने का संकल्प लेना है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में कांग्रेस पार्टी और सरकार चुनाव हार गई थी और उस समय मुझे राहूलजी ने और सोनियाजी ने कांग्रेस पार्टी का प्रदेशध्यक्ष बनाया और उन दिनों में मुकेशजी छात्र राजनीती में सक्रिय थे। छात्र संघ का चुनाव लड़ा, फिर और लोगों को चुनाव लड़ाया और वो समय जो था 2013 से 2018 तक का वो कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण समय था।

संघर्ष वाला समय था और उस समय बहुत सारे लोग ऐसे थे जो समझते थे कि कांग्रेस सारी लोकसभा सीट हार गई है। वसुंधराजी और भाजपा के 163 विधायक जीत कर गए थे तो कांग्रेस पार्टी के बहुत से लोगो ने मुझसे कहा कि सचिनजी क्यों घूमते फिरते हो फालतू में कुछ होने वाला नहीं है। लेकिन मैंने संकल्प लिया था की पार्टी को पूर्नजीवित करेंगे। गांव ढाणी में लोगों का विश्वास जीतेंगे और कांग्रेस पार्टी की भावना को दुबारा जीवित करेंगे।

उन्होंने कहा कि उस संघर्ष में उस कोशिश में उस पांच साल के लाठी खाने में, धरना देने में, प्रदर्शन करने में, घेराव करने में, भूख हड़ताल करने में, पैदल मार्च करने में, जेल जाने में भाकर ने मेरा और कांग्रेस पार्टी का पूरा साथ दिया था। यही कारण रहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद 2018 में हम सबने विश्वास किया और मुकेशजी को उम्मीदवार बनाया। आपने उस विश्वास का पूरा सम्मान किया और अच्छे बहुमत के साथ मुकेश भाकर को विधायक बनाया।

पांच साल का कार्यकाल कोई लम्बा चौड़ा नहीं होता। लेकिन कहने में मुझे बड़ी खुशी है कि पांच सालों में हमारे विधायक के ऊपर कोई ऊंगली नहीं उठा सकता। दामन पर एक छिंटा नहीं है। उन्होंने कहा कि भाकर ने छात्र राजनीती से ऊपर उठ कर अपनी एक पहचान बनाई। एक विधायक के रूप में विधानसभा में भी देखे गए। अलग अलग क्षेत्रों में आकर काम करा रहे हैं।

अब आप लोगों को आकलन करना है कि लाडनूं विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान में हमारा दल, हमारी सोच, हमारी विचारधारा, हमारा केंडिडेट, हमारा काम, हमारी आगे की पांच साल की कार्ययोजना की तुलना करनी है। आपको इस बात का भी आशीर्वाद देना पड़ेगा जो व्यक्ति अपनी बात पर अटल रहने वाला, नौजवान व्यक्ति, कर्मठ व्यक्ति जो सबको साथ लेकर चलता है।