दिल्ली के भारत मंडपम में 13 एवं 14 दिसंबर को भव्य सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव

दुर्लभ शिवकालीन शस्त्र प्रदर्शन
विशेषज्ञ करेंगे राष्ट्र सुरक्षा पर चर्चा
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर जैसी साहसिक अभियानों से लेकर विश्व की चौथी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने तक भारत ने विश्वस्तर पर उल्लेखनीय प्रगति की है किन्तु हाल ही में दिल्ली में हुए बम विस्फोट और देशभर में कार्यरत व्हाइट कॉलर आतंकी समूहों द्वारा योजनाबद्ध हमलों की जानकारी मिलने से देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हुआ है।

देशविरोधी विदेशी शक्तियां, डिप-स्टेट, नक्सलवाद, अलगाववादी, घुसपैठ, नैरेटिव युद्ध, लव जिहाद, हलाल जिहाद जैसे विभिन्न माध्यमों से भारत को कमजोर करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे समय राष्ट्र में केवल दिखावटी धर्मनिरपेक्षता नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम, श्रीकृष्ण, महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज के क्षात्रतेज की पुनः आवश्यकता है।

देश में सुरक्षा, संस्कृति और शौर्य का पुनर्जागरण करने के उद्देश्य से भारत को विश्वकल्याणकारी सनातन राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ना अत्यावश्यक है। इसी संदेश के प्रसार हेतु सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन प्रस्तुत और सनातन संस्था के आयोजन में भव्य सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव का आयोजन 13 एवं 14 दिसंबर को नई दिल्ली (इंद्रप्रस्थ) के भारत मंडपम में किया जा रहा है। यह जानकारी सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने दी।

दिल्ली प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित पत्रकार परिषद में सेव कल्चर सेव भारत के अध्यक्ष एवं भारत के पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहूरकर, हिंदु जनजागृति समिति के मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगले, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस तथा सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता अमिता सचदेवा उपस्थित थीं।

अभय वर्तक ने बताया कि सनातन संस्था के रजत महोत्सवी वर्ष और संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले के जन्मोत्सव के अवसर पर गोवा में प्रथम शंखनाद महोत्सव आयोजित किया गया था, जिसमें 23 देशों से 30,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। उस महोत्सव में अनेक साधु-संत, गोवा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति रही। अब दिल्ली में होने वाला यह महोत्सव राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा का शंखनाद सिद्ध होगा।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले ने रामराज्य जैसे आदर्श सनातन राष्ट्र की स्थापना का संकल्प लिया है। जिस प्रकार महाभारत युद्ध से पूर्व श्रीकृष्ण ने धर्मयुद्ध का शंखनाद किया था, उसी प्रकार यह महोत्सव धर्मनिष्ठ समाज में आत्मशक्ति जागृत कर राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरणा देने वाला है।

इस दो दिवसीय महोत्सव में सनातन संस्कृति संवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद-नक्सलवाद की पृष्ठभूमि, रक्षा नीति तथा राष्ट्रबल सुदृढ़ीकरण जैसे विषयों पर विशेषज्ञों के उदबोधन होंगे। दूसरे दिन विश्वकल्याणकारी सनातन राष्ट्र विषय पर विशेष सत्र आयोजित होगा।

दुर्लभ शिवकालीन शस्त्र प्रदर्शनी

भारत मंडपम के एक्ज़िबिशन हॉल नम्बर 12 में 13 से 15 दिसंबर तक तीन दिवसीय प्रदर्शनी में शिवकालीन शस्त्र, सनातन संस्कृति, राष्ट्र, कला एवं आध्यात्मिक वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। लगभग 250 से अधिक दुर्लभ ऐतिहासिक शस्त्र छत्रपति शिवाजी महाराज के काल के प्रदर्शित होंगे। प्रदर्शनी का समय सुबह 10 से रात 8 बजे तक रहेगा। पारंपरिक एवं प्राचीन युद्धकलाओं के रोमांचकारी प्रदर्शन महोत्सव के मुख्य आकर्षण होंगे।

ये संत-महंत एवं सम्माननीय उपस्थित रहेंगे

स्वामी गोविंददेवगिरी महाराज (श्रीरामजन्मभूमि न्यास कोषाध्यक्ष), केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक, दिल्ली के सांस्कृतिक मंत्री कपिल मिश्रा, छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश उदय लळित, रक्षा विशेषज्ञ संजय अग्रवाल, मेजर गौरव आर्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानुनगो, सेव कल्चर सेव भारत के अध्यक्ष एवं भारत के पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहूरकर, प्राच्यम् ओटीटी के संस्थापक कैप्टन प्रवीण चतुर्वेदी, डॉ. नरेशपुरीजी महाराज (मेहंदीपुर बालाजी मंदिर), सनातन संस्था की उत्तराधिकारी श्रीसत्‌शक्ती (सौ.) बिंदा सिंगबाळ और श्रीचित्‌शक्ती (सौ.) अंजली गाडगीळ, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन तथा सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके समेत विविध क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहेंगी।

नोट : महोत्सव से संबंधित जानकारी प्राप्त करने और भाग लेने के लिए SanatanRashtraShankhnad.in वेबसाइट पर पंजीकरण किया जा सकता है। कार्यक्रम में प्रवेश के समय सरकारी पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य है।