नई दिल्ली। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ का पर्व शनिवार को मथुरा और वृंदावन के साथ साथ पूरे देश में पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। रात ठीक 12 बजे मंदिरों से श्रीकृष्ण के जयकारे गूंज उठे। भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप को पालना झुलाने की होड लगी रही।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। मुर्मु ने लोगों से आह्वान किया कि जन्माष्टमी के अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि श्रीकृष्ण के दिखाए मार्ग का अनुसरण करेंगे और समाज एवं राष्ट्र को मजबूत बनाएंगे। श्री मोदी ने जन्माष्टमी को आस्था, आनंद और उत्साह का पर्व बताया और देशवासियों को जन्माष्टमी की असीम शुभकामनाएं दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से भगवान श्रीकृष्ण का उल्लेख करते हुए कहा था कि श्रीकृष्ण के शस्त्र के नाम पर मिशन ‘सुदर्शन चक्र’ की शुरुआत की गई है।
इस अवसर पर मुख्य समारोह श्रीकृष्ण की जन्मस्थली के रूप में विश्व भर में विख्यात उत्तर प्रदेश के मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के साथ साथ गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर में आयोजित किया जा रहा है। मथुरा और वृंदावन समेत देश के विभिन्न मंदिरों में जनमाष्टमी की झांकिया लगाई गयी है और श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। देश भर में इस्कॉन के पांच सौ से अधिक मंदिरों में भी लाखों श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए जमा हुए।
वृंदावन के विभिन्न मंदिरों में यूं तो साल भर श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है, लेकिन जन्माष्टमी के मौके पर भगवान के दर्शन के लिए यहां आने वालों भक्तों का हजूम उमड़ पडा। यहां के मंदिरों में की गई सजावट देखकर नजरें ठहर सी जाती प्रतीत होती है। वृंदावन में आज शायद की कोई गली या सड़क है जहां लोगों की भीड़ नजर नहीं आ रही हो। वृंदावन के ही बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ रही।
राष्ट्रीय राजधानी में इस्कॉन मंदिर, बिरला मंदिर, गीता मंदिर और द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर समेत विभिन्न छोटे-बड़े मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। इन मंदिरों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए है जो देर रात तक चलेंगे। देश के हर छोटे बड़े शहरों में सड़कों और गलियों में बच्चों एवं युवाओं ने दही हांडी लटकाए हैं और उत्साह के साथ हांडी फोड़ने में ‘गोविंदा आला रे’ की गूंज के साथ इनका जोश देखते बनता था।
दिल्ली से लगे नोएडा नोएडा स्थित इस्कॉन सहित विभिन्न मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर सेक्टरों और सोसाइटियों में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस्कॉन मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। जन्माष्टमी पर सुरक्षा के मद्देनजर प्लानिंग के साथ प्रमुख मंदिरों के पास यातायात को परिवर्तित किया गया था। उत्तर प्रदेश में ही काशी और प्रयागराज के मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया।
महाराष्ट्र के मुंबई और अन्य छोटे बड़े शहर-गांवों में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर ‘हांडी लूट’का आयोजन किया गया। मुंबई में कहीं कहीं सैकड़ों फुट ऊपर दही हांडियों को लटकाया गया जहां युवाओं के झुंड पिरामिड की शक्ल में एक-दूसरे के कंधों पर चढ़ते हुए हांडी फोड़ने में लगे रहे।
छत्तीसगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम और परंपरागत आस्था के साथ मनाया जा रहा है। राजधानी रायपुर समेत बिलासपुर, रायगढ़ , धमतरी तथा अन्य शहरों के प्रमुख मठों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। हर जगह भजनों की गूंज और झांकियों की छटा से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। रायपुर के जैतूसाव मठ में इस बार भगवान श्रीकृष्ण को 11 क्विंटल मालपुए और 51 किलो पंजीरी का भोग अर्पित किया जा रहा है।
शनिवार को यहां भजन संध्या होगी और मध्यरात्रि में जन्म आरती के बाद ठाकुरजी को राजभोग लगाया गया। यहीं टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया है। मंदिर को भव्य सजावट से संवारकर वृंदावन व मुंबई से विशेष वस्त्र और आभूषण मंगाए गए हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए दिल्ली के लीला द स्पिरिचुअल रॉक बैंड और वृंदावन से कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।