आतंकवाद-रोधी अभियान में श्रीनगर में संदिग्ध आतंकियों के 150 आवासों पर छापेमारी

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस ने बुधवार को यहां प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े आतंकवादियों के सहयोगियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) के 150 से अधिक आवासों पर व्यापक छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये समन्वित तलाशी अभियान गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत चल रही जांच के सिलसिले में श्रीनगर के कई इलाकों में चलाए गए।

पुलिस ने पुष्टि की कि जिला पुलिस के विशेष अभियान समूह के सहयोग से श्रीनगर के सभी क्षेत्रों में विभिन्न पुलिस थानों और चौकियों में 150 से अधिक आवासों की तलाशी ली गई। ये अभियान उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए कार्यकारी मजिस्ट्रेटों, स्वतंत्र गवाहों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में चलाए गए।

उन्होंने कहा कि इन अभियानों का उद्देश्य दस्तावेज़ों, डिजिटल उपकरणों और चल रही जांच से संबंधित अन्य साक्ष्यों को ज़ब्त करना था। ये छापे व्यापक ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने की प्रक्रिया का भी हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा करने वाली किसी भी षड्यंत्रकारी या आतंकवादी गतिविधि को रोकना और उसे विफल करना है।

महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली विस्फोट में कश्मीरी डॉक्टरों के नाम आने पर जताई चिंता

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 10 नवंबर को हुए दिल्ली विस्फोट मामले में घाटी के कुछ डॉक्टरों के नाम आने की खबरों पर चिंता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ‘चिंता का क्षण’ होगा।

महबूबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली विस्फोट दिल दहला देने वाला था और इस तरह के कृत्य से शिक्षित पेशेवरों के जुड़े होने की संभावना बेहद परेशान करने वाली है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही दुखद घटना थी, और इससे भी ज़्यादा दुखद यह है कि कश्मीर के हमारे कुछ डॉक्टरों का नाम इसमें शामिल है। ये हमारे समाज के सबसे बुद्धिमान और शिक्षित लोगों में से हैं।

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि अगर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के बाद यह साबित हो जाता है कि डॉक्टर इसमें शामिल थे, तो यह चिंता का विषय होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों, खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए यह चिंता का विषय है। न केवल हमारा सबसे अच्छा दिमाग बर्बाद हो रहा है, बल्कि यह हम पर एक बड़ा दाग भी लगा रहा है।

महबूबा ने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों, खासकर देश भर के मुसलमानों और यहां तक कि इस क्षेत्र से बाहर रहने वालों के लिए भी जीवन और कठिन हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि चल रही जांच स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर संदेह है, उनके परिवारों से पूछताछ की जानी चाहिए, लेकिन आरोप साबित होने तक उनके साथ अपराधी जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।