आईटीएटी में नियुक्ति के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट को 25 साल का अनुभव ज़रूरी नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को साफ़ किया कि आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) जैसे अधिकरण में तकनीकी सदस्य के तौर पर नियुक्ति के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) काे कम से कम 25 साल का अनुभव होना ज़रूरी नहीं है।

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार को 19 नवंबर को रद्द कर दिये गये अधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 की जगह नया कानून बनाते समय इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने सीए को भी वही बराबरी दी, जो उसने 19 नवंबर को अधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 को रद्द करने वाले अपने फैसले में वकीलों को दी थी।

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के वकील के पीठ के सामने यह मामला उठाए जाने पर यह स्पष्टीकरण सामने आया। वकील ने बताया कि न्यायालय ने अधिकरण में नियुक्ति के लिए वकीलों की कम से कम 50 साल की उम्र की ज़रूरत को खत्म कर दिया था, लेकिन सीए के लिए 25 साल के अनुभव की ज़रूरत, जो असल में पात्रता को लगभग 50 साल तक बढ़ा देती है, पर ध्यान नहीं दिया गया।

इस बात को मानते हुए न्यायालय ने कहा कि भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान की तरफ से यह तर्क दिया गया है कि तकनीकी सदस्य के तौर पर नियुक्ति के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए 25 साल के अनुभव की ज़रूरत मनमानी है। एक सीए को 50 साल की उम्र होने के बाद ही विचार करने का हक़ होगा। वकीलों के लिए ऐसी ही शर्त को पहले ही अमान्य और गैर-कानूनी माना जा चुका है।

आईसीएआई की बात से सहमत होते हुए, पीठ ने कहा कि हम सबमिशन से सहमत हैं… अगर ऐसा कोई प्रावधान वैध माना जाता है, तो सीए 50 साल की उम्र के बाद ही सर्विस में आएंगे। हमने पहले ही वकीलों के लिए ऐसे ही प्रावधान को अवैधानिक माना है। यही अनुरुपता सीए पर भी लागू होनी चाहिए। इसलिए हम मानते हैं कि तकनीकी सदस्य के तौर पर सीए को नियुक्त करने के लिए 25 साल के अनुभव की ज़रूरत असंवैधानिक है।