नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी सांसद कंगना रनौत की उस याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि की शिकायत रद्द करने की गुहार लगाई थी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने सुश्री रनौत पर 2021 के किसान आंदोलन में शामिल एक महिला के बारे आपत्तिजनक ट्वीट के बाद दर्ज मुकदमे में राहत देने से इनकार कर दिया। पीठ ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि आपकी टिप्पणियों के बारे में क्या? यह कोई साधारण री-ट्वीट नहीं था। आपने मसाला डाल दिया है। शीर्ष अदालत के सुनवाई से इनकार पर याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। पीठ ने उन्हें इसका सुझाव दिया था।
रनौत ने कथित तौर पर ट्विटर पर एक पोस्ट को रीट्वीट किया था, जिसमें एक बुजुर्ग महिला प्रदर्शनकारी महिंदर कौर (शिकायतकर्ता) के बारे में अपनी टिप्पणी थी। उन्होंने इस रीट्वीट में लिखा था कि यह वही दादी हैं जिन्हें टाइम पत्रिका में सबसे शक्तिशाली भारतीय के रूप में चित्रित किया गया था और यह 100 रुपये में उपलब्ध हैं। रनौत ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी, जिसमें उनकी अर्जी ठुकरा दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जंडियन गांव की 73 वर्षीय महिंदर कौर द्वारा दायर शिकायत को रद्द करने की उनकी (अभिनेत्री से नेता बनी कंगना की) याचिका एक अगस्त को खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने भाजपा सांसद की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मजिस्ट्रेट ने समन आदेश जारी करने से पहले रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री पर पूरी तरह से विचार किया था।
उच्च न्यायालय ने माना था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अपराध का होना प्रथम दृष्टया सिद्ध होता है और शिकायत दर्ज करना दुर्भावनापूर्ण नहीं माना जा सकता। उन्होंने 22 फरवरी, 2022 को बठिंडा के एक मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन आदेश को चुनौती दी थी।
महिंदर कौर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सुश्री रनौत ने कथित तौर पर उन्हें वही दादी कहकर उनके खिलाफ झूठे आरोप और टिप्पणियां की थीं। बिलकिस, जो शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थीं और ‘टाइम’ पत्रिका सहित अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज में छपी थीं। उन्होंने आगे दावा किया कि ट्वीट में संदर्भित शाहीन बाग प्रदर्शनकारी से उनका कोई संबंध नहीं है और (उनके द्वारा) की गई तुलना गलत, अपमानजनक और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली है। उन्होंने रनौत के खिलाफ अब निरस्त हो चुकी आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत शिकायत दर्ज कराई।