आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन शिक्षा का ज्ञान भी होना चाहिए : कलराज मिश्र

अजमेर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन शिक्षा के ज्ञान दिये जाने पर जोर देते हुए कहा है कि आनेवाले समय की चुनौतियों को स्वीकार कर शिक्षा देने से भारत विश्व गुरु की ओर अग्रसर होता चला जाएगा।

अजमेर जिले के बांदरसिंदरी स्थित राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय की ओर से आज शिक्षक दिवस के मौके पर पहली बार शुरू किए गए शिक्षक उत्कृष्ट पुरस्कार प्रदान करने बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय आए मिश्र ने राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों के उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित करते हुए कहा कि आने वाले कल की चुनौतियों को स्वीकार कर शिक्षा देने से भारत विश्व गुरु की ओर अग्रसर होता चला जाए।

उन्होंने कहा कि भारत के सुनहरें भविष्य का निर्माण हो, आपके माध्यम से बुलन्दियों को छुएं, इसके लिए शिक्षा, विज्ञान, तकनीक वाले विद्यार्थी यहां से निकले तो गुरू और शिष्य दोनों का इस महान पेशे की सार्थकता सिद्ध हो जाए। उन्होंने गुरु गोवरकर का विशेष याद करते हुए कहा कि वे कहत थे कि विद्यार्थी, शिक्षक का प्रथम अध्याय होता है ।विद्यार्थियों को उसकी क्षमता के अनुसार शिक्षा के साथ ज्ञान दिया जाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा और ज्ञान ऐसा होना चाहिए जिससे भविष्य में विद्यार्थी उत्कृष्ट शिक्षा के उदाहरण बन कर उभर सकें। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय से निकले छात्र आज देश के विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न पदों पर काम कर विश्वविद्यालय का नाम कर रहे हैं।

मिश्र ने चन्द्रयान-3 तथा सूर्ययान मिशन आदित्य की कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस मिशन ने विश्व में भारत के इतिहास की दिशा बदल दी। उन्होंने संविधान के मूल सिद्धांत की बात करते हुए आवाह्न किया कि सभी को संविधान के प्रति कर्तव्यों का भी बोद्ध होना चाहिए। संविधान विरोधी काम किसी को नहीं करना चाहिए तथा संविधान में सब मसलों का हल है, इसे समझना चाहिए।