सबगुरु न्यूज-सिरोही। भले ही भाजपा के क्रिटिक्स ये आरोप लगाते रहें कि होर्डिंग और पोस्टर वार में भाजपा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियों को कोई लील नहीं सकता। लेकिन, राजस्थान के पंचायतराज मंत्री ओटाराम देवासी और सिरोही जिला संगठन ऐसे लोगों में शुमार हो गए हैं जो प्रधानमंत्री और राजस्थान के मुख्यमंत्री की उपलब्धि को पूरी तरह से लील गए। इसमें सहयोगी बना सिरोही का जिला प्रशासन।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा किसान सम्मान निधि की उपलब्धि जगह-जगह ली जाती है। इसमें किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये दिए जाते है। यानि कि प्रतिमाह पांच सौ रुपये। राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री सम्मान निधि शुरू करके पहले छह हजार में दो हजार रुपये जोडकर किसान सम्मान निधि को आठ हजार रुपये किया गया।
धनतेरस के दिन राजस्थान सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि में एक हजार रुपये और बढाकर इसे नौ हजार रुपये प्रति वर्ष किया गया। मुख्यमंत्री ने नदबई से इस कार्यक्रम को शुरू करते हुए किसानों के खाते में अतिरिक्त एक हजार रुपये डाले। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण लाभार्थी किसानों की मौजूदगी में करना था।
जिला कलेक्टर ने 17 अक्टूबर को एक आदेश संख्या 1277 निकाला। इसके अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा भरतपुर के नदबई में धनतेरस को सुबह एक बजे मुख्यमंत्री सम्मान निधि वितरण कार्यक्रम होना है। इसका समानांतर कार्यक्रम सभी जिलों और ब्लाॅकों में करना था। जिला स्तर पर ये कार्यक्रम पनिहारी गार्डन में करना प्रस्तावित किया गया। इसमें कौनसी व्यवस्था किसे देनी है ये जिम्मेदारी भी बांटी गई।
जिस जगह ये कार्यक्रम हो रहा था वहां पर ओटाराम देवासी का जन्मदिन का कार्यक्रम भी होना था। लेकिन, इनके जन्मदिन के कार्यक्रम को खुद मंत्री, जिला भाजपा और जिला प्रशासन ने इतनी तरजीह दी कि कार्यक्रम के मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री सम्मान निधि नाम का कोई होर्डिंग और पोस्टर नहीं दिखा। पूरे मंच पर ओटाराम देवासी और जिला भाजपा के नेताओं के फोटो के होर्डिंग्स से पाट दिया।
यही नहीं कार्यक्रम स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार पर भी प्रशासन, मंत्री और जिला भाजपा ने कार्यक्रम का कोई बैनर या होर्डिंग लगाने की तरफ ध्यान नहीं दिया। इस योजना का करीब चार फीट बाय 2 फीट का एक स्टेंडिंग बैनर दर्शक दीर्घा में एक कोने में स्पीकरों के पीछे लगाया हुआ था।
– भाजपाइयों में फुसफुसाहट
कार्यक्रम में स्थल में खुद भाजपा नेता ही ये फुसफुसाते नजर आए थे कि प्रशासन यहां कार्यक्रम कर रहा है तो फिर व्यवस्थाएं किसने की। आयोजन स्थल पर ओटाराम देवासी के जन्मदिन का कार्यक्रम पहले ही निर्धारित था। जिला कलेक्टर ने यहां पर बाद में कार्यक्रम करने की घोषणा करके जिला रसद अधिकारी को यहां मुख्यमंत्री सम्मान निधि कार्यक्रम में आने वाले लोगों के अल्पाहार की व्यवस्था तथा नगर पालिका आयुक्त को यहां पर बैठक, पंखा, माईक आदि की व्यवस्था करने के आदेश निकाला था।
इसी को लेकर खुद भाजपा में चर्चा रही कि यदि यह व्यवस्थाएं प्रशासन की थी तो भाजपा का पैसा बच गया और यदि ये व्यवस्था भाजपा की थी तो जनता का पैसा बच गया। लेकिन, ये सवाल अभी अनुत्तरित है कि आखिर जिला कलेक्टर के आदेश और जन्मदिन के कार्यक्रम की काॅमन व्यवस्थाओं को बोझ था किसके सिर पर। जिला कलेक्टर के आदेश के अनुसार जनप्रतिनिधियों को इस कार्यक्रम की सूचना देने की जिम्मेदारी सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक की थी। आमंत्रण नहीं मिलने को लेकर सांसद लुम्बाराम चैधरी ने कार्यक्रम स्थल पर ही नाराजगी जता दी गई थी।
-अनादरा चौराहा क्यों रहा चर्चित
ओटाराम देवासी के जन्मदिन पर सिरोही शहर में तीन जगह पर स्वागत कार्यक्रम था। गोयली चैराहा, तीन बत्ती चैराहा और अनादरा चौराहा। लेकिन, गोयली और तीन बत्ती चौराहा को अनादरा चैराहे की चर्चा लील गई। सबकी जुबान पर इसी जगह पर स्वागत के लिए लगे मंच की चर्चा थी। यहां पर भाजपा के एससी-एसटी और ओबीसी मोर्चे के द्वारा स्वागत किया जाना था।
गोयली चौराहा और तीन बत्ती चौराहा के विपरीत यहां पर मात्र दर्जन पर ही पदाधिकारी मौजूद थे। जिनमें ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमराराम, एससी मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रवीण राठौड शामिल थे। एसटी के नाम पर भाजपा जिला महामंत्री रामलाल राणौरा मौजूद थे। यहां पर संख्या कम नहीं दिखे इसे लेकर जिला महामंत्री नरपतसिंह और भाजपा सह जिला मीडिया प्रभारी गणपतसिंह निम्बोडा मौजूद थे।
इस स्थान पर लोगों की कमी पर भाजपा में जो चर्चा उठ रही थी उसके पीछे प्रमुख वजह जिला भाजपा के द्वारा समाचार पत्रों में दिया गया विज्ञापन है। जो आरोप लग रहे हैं उनके अनुसार जिला संगठन ने इस विज्ञापन में सबसे उपर दिए नामों में जिले के एससी एसटी के उन नेताओं को स्थान नहीं दिया जो प्रदेश कार्यकारिणी का हिस्सा हैं। इस विज्ञापन में सिर्फ वर्तमान पदाधिकारियों नाम होने के तर्क उनका कहना था कि ऐसा था आते फिर पूर्व जिलाध्यक्षों नाम क्यों थे?
जिले में एक पखवाडे से भाजपा के ही सोशल मीडिया समूहों में जिले में भाजपा में अनुसचित जाति जनजाति के नेताओं की जगह पूंजीवादी लोगों को तरजीह दिए जाने का आरोप लग रहा है। सिरोही, पिण्डवाडा, रेवदर के भाजपा के व्हाटस एप समूहों में ये पोस्ट तेजी से वायरल हो रही थी कि भाजपा सामाजिक समरसता की बात करती है लेकिन, जिले में रामलाल राणौरा को महामंत्री तो बना दिया लेकिन, कार्यक्रमों में उनकी भूमिका नही रखी जाती। सिर्फ पूंजीवादी लोगों को भूमिका दी जाती है। उनका इशारा था कि प्रमुख आयोजनों में तीन में से सिर्फ एक ही नेता को तरजीह दी जाती है।
इन पोस्टों में जिला भाजपा के द्वारा कथित रूप से नजरअंदाज किए जा रहे ऐसे नेताओं में एससी मोर्चे के भंवर मेघवाल, आबूरोड के सुरेश हीरागर, रेवदर के प्रकाश मेघवाल, जिला उपाध्यक्ष दुर्गाराम गरासिया के नाम उदाहरण के तौर पर दिया है। इसमें पूछा गया है कि विनोद परसरामपुरिया के द्वारा अनुसूचित जाति के जिन कार्यकर्ताओं को जोडा गया था वो आज कहां हैं। इसमें सवाल उठाया गया है कि प्रवीण जीनगर ने अपनी मेहनत से जगह बनाई, लेकिन, बावसी का आशीर्वाद सिरोही के ही स्वघोषित सांसद को दिया हुआ है।
ये पोस्ट बता रही है कि जिला संगठन और बावसी यानि ओटाराम देवासी के प्रति अनुसूचित जाति-जनजाति के नेताओं में अवहेलना की भावना घर कर गई है। जिसकी परिणिति सार्वजनिक रूप से धनतेरस को अनादरा चौराहा पर दिखी।
– एक दूसरे की नैया पर लगाने की जुगत!
मुख्यमंत्री सम्मान निधि वितरण और ओटाराम देवासी के जन्मदिन के आयोजन के कार्यक्रम को एक ही जगह रखने की वजह से पूरा कार्यक्रम अव्यवस्थित हो गया। जिसने भी ये होशियारी दिखाई होगी इस अव्यवस्था का ठीकरा उनके सिर फोडा जाएगा। लेकिन, कार्यक्रम स्थल पर भाजपा नेताओं में जो चर्चा थी वो ये थी कि जिला कलेक्टर और भाजपा ने एक दूसरे के माध्यम से नैया पार लगाने की जुगत लगाई।
जिला प्रशासन को भीड की आवश्यकता थी जो भाजपा के कार्यक्रम में मिल जाती। वहीं कार्यकर्ताओं और जनता के बीच अपनी ढुलमुल नीति से गिरती साख को बचाने के लिए ओटाराम देवासी को इस बात की जरूरत थी कि मुख्यमंत्री जनता के सामने उन्हें बधाई देवें। भाजपा में ये चकल्लस रही कि एक ही जगह पर ये काम करने से दोनों के हित सध गए।