विजय माल्या को फिर लगा झटका, अदालत ने कहा याचिका सुुुनने लायक नहीं

बेंगलूरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या द्वारा दायर उस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना है, जिसमें उन्होंने अपने और उनकी पूर्व विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस तथा दिवालिया होने की कगार पर खड़ी यूनाइटेड ब्रुअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड, पर बकाया कर्ज की स्थिति संबंधी जानकारी मांगी थी।

न्यायमूर्ति ललिता कन्नेगंती की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक कहा कि माल्या को यह याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल करने के बजाय विधिक रूप से निर्धारित ‘कंपनी न्यायालय’ में दायर करनी चाहिए थी। न्यायालय ने पूछा कि जब कंपनी मामलों के लिए पृथक न्यायिक प्रणाली मौजूद है, तो उच्च न्यायालय इस तरह की याचिका क्यों सुने।

माल्या ने अपनी याचिका में कहा था कि किंगफिशर एयरलाइंस के दिवालिया होने के बाद उनके खिलाफ लगभग 6,200 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश हुआ था, लेकिन बैंकों ने अब तक उनसे करीब 14,000 करोड़ रुपए वसूल कर लिए हैं। उन्होंने इस स्थिति में समायोजित खातों का ब्यौरा मांगा था।

बैंकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम हुलगोल ने दलील दी कि यह याचिका आरटीआई जैसी सूचना याचिका के समान है, जिसमें वसूली और संपत्ति के विवरण मांगे गए हैं। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई चार नवंबर के लिए निर्धारित की है।

माल्या ने अपनी याचिका में बैंकों से 10 अप्रैल 2017 की संशोधित ऋण वसूली अधिकरण प्रमाणपत्र के तहत वसूल की गई राशि, परिसंपत्तियों के उपयोग और शेष संपत्तियों की जानकारी मांगी और बैंकों के किसी बिक्री या वसूली की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है।