चर्चा में क्यों आए भाजपा के दलित नेताओं को असहज करने वाले सिरोही भाजपा के होर्डिंग और विज्ञापन

सिरोही में समाचार पत्र में प्रकाशित जवाई पुलिया शिलान्यास का विज्ञापन जिसके सामने आने के बाद भाजपा में दलित नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगने लगा।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही जिले में भाजपा पर संगठन के अंदर ही दलित नेताओं की अनदेखी करने के आरोप लग रहे हैं। ये आरोप सार्वजनिक रूप से भाजपा के द्वारा प्रदर्शित विज्ञापन और होर्डिंग्स की वजह से लग रहा है। इसके पीछे जिला भाजपा और इन दलित नेताओं के बीच खींचतान की चर्चा भी संगठन में फिर से जोर पकड़ चुकी है।

जिला भाजपा की दलील जो भी हो लेकिन, सिरोही जिले मे ही हुए कार्यक्रमों में इस तरह से जिले के ही दलित नेताओं को नजरअंदाज किए जाने की घटना में जिला संगठन को भाजपा के दलितों नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच में नाराजगी दिखाई दे रही है। इससे पहले ओटाराम देवासी के जन्मदिन के कार्यक्रम के दौरान भी सिरोही जिला मुख्यालय पर जिले के दलित नेताओं की कथित अनदेखी की वजह से अनादरा चौराहे पर अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के मंच से उनके स्वागत करने वाले मोर्चे के नेताओं के अभाव दिखा था।

– बैनर और विज्ञापन से गायब थे ये नेता

जवाई पुलिया के जीर्णोद्धार शिलान्यास का कार्यक्रम को लेकर होर्डिंग और विज्ञापन के माध्यम से प्रचार-प्रसार हुआ । विज्ञापन के अनुसार ये कार्यक्रम सिरोही जिले के शिवगंज के रिवर फ्रंट पर ही होना था। इसलिए विज्ञापन और होर्डिंग भाजपा के शिवगंज नगर मंडल ने लगवाया है। जवाई पुलिया पर ही लगे होर्डिंग में से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पिंडवाड़ा-आबू विधानसभा के विधायक समाराम गरासिया, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा रेवदर के विधायक प्रत्याशी जगसीराम कोली की तस्वीरें गायब होना सिरोही विधानसभा में भाजपा में चर्चा का केंद्र बना हुआ था।

यही नहीं भाजपा के प्रदेश मंत्री और पूर्व जिला मंत्री नारायण पुरोहित और अनुसूचित जनजाति के जिला महामंत्री रामलाल रानौरा की तस्वीर भी होर्डिंग से गायब थी, जबकि तीन में से दो जिला महामंत्री गणपतसिंह और नरपत सिंह राणावत की तस्वीरें थी। इसके बाद भाजपा में अनुसूचित जाति जनजाति के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों में इस बात की चर्चा है कि सब सिर्फ होर्डिंग तक रहता तो फिर भी मान लिया जाता कि ये मानवीय भूल हैं। लेकिन, 19 दिसंबर को शिलान्यास वाले दिन भी समाचार पत्रों प्रकाशित विज्ञापन में भी इन लोगों की तस्वीरें गायब हैं।

जब तक ये सब होर्डिंग के रूप में जवाई पुलिया पर लगा हुआ था तब तक ये मामला स्थानीय था। लेकिन, शनिवार को इसके विज्ञापन रूप में समाचार पत्र में आ जाने से पूरे जिले में ये चर्चा आम हो गई। विशेष कर अनुसूचित जाति और जनजाति बहुल विधानसभा पिंडवाड़ा- आबू और रेवदर में। क्योंकि होर्डिंग और विज्ञापन में दरकिनार हुए ज्यादातर दलित नेता इन्हीं विधानसभाओ के हैं।

– जिलाध्यक्ष लॉबी हावी रही!

पार्टी सूत्रों के अनुसार शिवगंज में हुए जवाई पुलिया शिलान्यास कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी की लॉबी हावी रही। ये होर्डिंग और विज्ञापन शिवगंज नगर मंडल प्रसारित किए थे। शिवगंज नगर मंडल के अध्यक्ष को जिलाध्यक्ष के करीबी माना जाता है। ऐसे में जिला अध्यक्ष के साथ कथित मनमुटाव की घटनाओं वाले नेताओं की तस्वीरें नदारद होना सिरोही के राजनीतिक हलकों में सिर्फ इत्तेफाक नहीं माना जा रहा है।

संगठन सूत्रों की मानें तो सिरोही भाजपा में इस मनमुटाव और गुटबाजी की प्रमुख वजह एक दूसरे के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप को माना जा रहा है। माउंट आबू की मॉनिटरिंग कमिटी और यूआईटी में जिला संगठन का दबदबा बढ़ाने कारण पिंडवाड़ा विधायक से खींचतान की पिंडवाड़ा-आबूरोड में चर्चा किसी से छिपी नहीं है। बैद्यनाथ मंदिर में नारायण पुरोहित के स्वागत के बाद रेवदर में फिर से स्वागत कार्यक्रम के भाषण में जिला संगठन के कार्यक्रम में कम लोगों की उपस्थिति को लेकर उठे सवाल के जख्म भी भरे नहीं हैं।

कांग्रेस में जिस तरह से पिंडवाड़ा-आबू विधानसभा खालसा है वैसे ही जगसीराम कोली के निष्क्रिय रहने से रेवदर विधानसभा को भाजपा में खालसा मानते हुए यहां दबदबे के लिए कोली को हाशिए में रखने की कोशिश की चर्चा भी अब जोरों पर है। हाल में आबूरोड नगर पालिका में संयम लोढ़ा के करीबी माने जाने वाले अनिल झींगोनिया को फिर से अधिशासी अधिकारी के रूप में लगाना इसी दबदबे का हिस्सा माना जा रहा है। ऐसे में होर्डिंग्स और विज्ञापन से इन्हीं नेताओं के गायब हो जाने से संगठन में दलित नेताओं में फिर से असंतोष और अपमान का भाव पनप रहा है।

शिवगंज में जवाई पुलिया पर लगा होर्डिंग जो लोगों के हास्य का विषय बना रहा।

– अब भी जेपी नड्डा अध्यक्ष

जवाई पुलिया के उद्घाटन का कार्यक्रम के दौरान पुलिया पर भाजपा शिवगंज मंडल ने होर्डिंग लगवाए। कार्यक्रम 19 दिसंबर को था तो होर्डिंग भी इससे पहले ही लगे। भाजपा ने 13 दिसंबर को ही नितिन नवीन को अपना कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था। लेकिन शिवगंज में जवाई पुलिया के उद्घाटन के लिए लगे होर्डिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष की जगह जे पी नड्डा की फोटो लगी रहना राहगीरों के लिए हास्य का विषय बना रहा। ये बात अलग है कि होर्डिंग वाली सिर्फ इस गलती को अखबार में प्रकाशित विज्ञापन में सुधार लिया गया।

यही नहीं सिरोही के संगठन प्रभारी और सह प्रभारी भी 8 दिसंबर को बदल दिए गए हैं। मनोज सिंघानिया को सिरोही का नया संगठन प्रभारी बनाया गया है जबकि होर्डिंग और विज्ञापन में राजेंद्र गहलोत ही सहप्रभारी के रूप में दिखाए हैं।

होर्डिंग और विज्ञापन में प्रोटोकॉल की तो जबरदस्त भद्द पीटी है। सरकारी कार्यक्रम के प्रचार के होर्डिंग और विज्ञापन में मुख्यमंत्री भजनलाल की फोटो प्रदेश अध्यक्ष के बाद लगी है। वहीं जिला प्रमुख का फ़ोटो जिले के प्रभारी मंत्री केके बिश्नोई से पहले लगाया गया है। ये दोनों गलतियां होर्डिंग और विज्ञापन में समान रूप से थी।अब चुटकी इस बात की ली जा रही है कि जिलाध्यक्ष के शहर का ही कार्यक्रम था लेकिन वहीं इस कार्यक्रम के होर्डिंग्स और विज्ञापन की प्रूफ रीडिंग नहीं हो सकी।