12 साल की बच्ची के यौन शोषण मामले में नैनीताल में भारी आक्रोश, बाजार एवं कार्यालय रहे बंद

नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल में नाबालिग के यौन शोषण के मामले में गुरुवार को दिन भर बबाल हुआ और बाजार तथा कार्यालय बंद रहे।घटना के विरोध में विभिन्न संगठनों के लोग आज सड़कों पर उतरे। आंदोलनकारियों ने आरोपी को फांसी देने की मांग की। दूसरी ओर पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया है।

पर्यटक नगरी नैनीताल में बुधवार को 12 साल की नाबालिग के यौन शोषण का मामला सामने आया था। आरोप है कि एक खास समुदाय के लगभग 75 साल के बुजुर्ग ने उसके साथ विगत 12 अप्रैल को कथित रूप से दुष्कर्म किया। यह भी पता चला है कि आरोपी पिछले तीन महीने से नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था।

पुलिस ने आरोपी उस्मान ठेकेदार को कल ही गिरफ्तार कर लिया था। बताया जा रहा है कि जब यह घटना हुई तब घर में 12 और 15 साल की दो नाबालिग बहनें थीं। आरोप है कि उसने पैसे का लालच देकर पीड़िता को हवस का शिकार बना लिया।

कल जब पीड़िता की मां घर लौटी तो इस मामले से पर्दा उठा और आरोपी के खिलाफ मल्लीताल कोतवाली में तहरीर सौंपी। तभी से नैनीताल के लोगों में आक्रोश है। हिन्दूवादी संगठन, युवा, छात्र आज सड़कों पर उतरे और उन्होंने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। गाड़ी पड़ाव और माल रोड पर कुछ दुकानों में तोड़ फोड़ भी हुई।

इस घटना के विरोध में आज नैनीाताल में बाजार और कार्यालय बंद रहे। आम जनता में इसको लेकर भारी आक्रोश है। प्रदर्शनकारी सुबह ही एकत्र हो गए थे और उन्होंने मल्लीताल बाजार से तल्लीताल तक जुलूस निकाला। इसके बाद प्रदर्शनकारी चीना बाबा चौराहा पहुंचे और आरोपी को फांसी देने की मांग करने लगे।

प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही आरोपी के घर की ओर रूख किया तो पुलिस ने सख्ती से उन्हें रोक लिया। वहीं विरोध कर रहे कुछ युवा पुलिस को छका कर आरोपी के घर तक पहुंच गए, लेकिन भारी पुलिस बल के आगे उनकी एक नहीं चली। इस बीच पुलिस ने भी नैनीताल में सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए थे।

आरोपी के घर पर भी पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा। वहीं इस घटना के प्रकाश में आने के बाद आरोपी के परिजनों ने भी कल रात को नैनीताल छोड़ दिया था। आरोपी को पुलिस ने आज हल्द्वानी पोक्सो कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

हल्द्वानी अदालत के बाहर अधिवक्ताओं ने आरोपी का भारी विरोध किया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते आरोपी बच निकला। दूसरी ओर पुुलिस की ओर से भी पीड़ित नाबालिग को भी 164 के बयान के लिये मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।

इस घटना के बाद प्रशासन, नगर पालिका और जिला विकास प्राधिकरण भी हरकत में आ गया और उसने रूकुट कंपाउंड क्षेत्र में वन विभाग और सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों को नोटिस देना शुरू कर दिया है। नगर पालिका को रास्ता और नालियों से तीन दिन में कब्जा हटाने को कहा गया है।

वहीं प्राधिकरण की ओर से भी अतिक्रमणकारियों को 15 दिन में कब्जा हटाने को कहा गया है। आरोपी के घर पर भी नोटिस चस्पा कर दिया गया है। खबर लिखे जाने तक करीब 60 लोगों को नोटिस जारी कर दिया गया है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विनोद सिंह जीना के अनुसार आरोपी के मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है।

नैनीताल में लोगों के आक्रोश की गूंज आज उच्च न्यायालय तक भी पहुंची और कुछ अधिवक्ताओं ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष कानून व्यवस्था के तहत मामले को उठाया, लेकिन सरकार की ओर से कहा गया कि नैनीताल में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात है। जिस पर अदालत ने संतुष्टि जाहिर की।