अजमेर में सावित्रीबाई फुले की 126वीं पुण्यतिथि मनाई, पुष्पांजलि अर्पित

अजमेर। समाज सुधारक, शिक्षाविद और कवियित्री सावित्रीबाई फुले की 126वीं पुण्यतिथि पर माली समाज समेत विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने उन्हें याद किया। अजमेर क्लब स्थित ज्योतिबा फुले स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में बडी संख्या में लोग जुटे तथा सावित्रीबाई फुले के चित्र पर पुष्प ​चढाकर कर उन्हें श्रद्धांज​लि आर्पित की।

इस मौके पर सावित्रीबाई फुुले राष्ट्रीय जाग्रति मंच अध्यक्षा सुनीता चौहान ने पुष्पांजलि के दौरान कहा कि सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं, जिन्होंने भारत और विशेष रूप से महाराष्ट्र में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई। सावित्री बाई फुले ने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने समाज में व्याप्त कई सामाजिक बुराइयों जैसे अस्पृश्यता और बाल विवाह के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी।


उपमहापौर नीरज जैन ने कहा कि सावित्रीबाई फुले सही मायने में महिलाओं कीं मुक्तिदाता थीं, क्योंकि उन्होंने संपूर्ण जीवन महिलाओं के उत्थान के लिए ही समर्पित कर दिया था। बिना बालिका शिक्षा के समाज की रचना अधूरी ही है, इसलिए बालक व बालिकाओं की शिक्षा में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग में बालिका शिक्षा के प्रति जागृति बढाने पर जोर दिया।

गणतांत्रिक समाज संगठन राजस्थान की प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट बबीता टांक ने कहा कि सावित्री बाई फुले ने जातिवाद और पितृसत्ता सहित समाज की बुराइयों के खिलाफ भी बात की। सावित्री बाई ने देश भर में युवा लड़कियों की बेहतरी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। महिलाओं के अधिकारों और समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए किए गए उनके काम को आज तक याद किया जाता है। लड़कियों के लिए पहला स्कूल स्थापित करने के बाद, सावित्रीबाई फुले ने अपने जीवनकाल में 18 और स्कूल भी स्थापित किए।

पूर्व विधायक डा श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि सावित्रीबाई फुले अपने स्कूल में एक अतिरिक्त साड़ी ले जाती थीं क्योंकि जब वे पढ़ाने के लिए अपने स्कूलों में जाती थीं तो रूढ़िवादी उच्च जाति के स्थानीय लोग उन पर पत्थर और गंदगी बिखेर देते थे। फुले परिवार उत्पीड़ित माली जाति का था और इसके बावजूद शिक्षित था। फुुले दंपती के समाजसुुधार के कार्यों में अनुकरणीय योगदान को देखते हुए भारत रतन से सम्मानित किए जाने की मांग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से निरंतर मांग की जाती रही है।

अजमेर डेयरी चैयरमेन रामचंद्र चौधरी, महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय जाग्रति मंच अध्यक्ष पूनमचंद मारोठिया, कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मामराज सेन, माली महासभा के प्रदेश सचिव हेमराज सिसोदिया, माली सेना अध्यक्ष हेमराज खारोलिया, ज्योति प्रकाश भाटी, रेखा सैनी, राजकुमारी टांक, योगेश चौहान, मेवालाल जादम, रेनू सांखला, पत्रकार महावीर सिंह चौहान, मनीष मारोठिया, चेतन माली, सोहनलाल पंवार, श्यामसुंदर टांक, समाजसेवी महेश चौहान, विजय सिंह मौर्य समेत बडी संख्या में माली समाज समेत विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुडे गणमान्यजनों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मालियान सैनी पब्लिक स्कूल में फल वितरण

सावित्रीबाई फुले की 126वीं पुण्यतिथि के मौके पर सावित्रीबाई फुुले राष्ट्रीय जाग्रति मंच की ओर से मालियान सैनी पब्लिक स्कूल में बच्चों को फल वितरित किए गए। बच्चों व स्कूल स्टाफ ने सावित्रीबाई फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्य अतिथि राजस्थान ललित कला अकादमी की सदस्य ममता चौहान ने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यह सही और और सच्चे मायने में सावित्री बाई फुले को श्रद्धांजलि होगी। संस्था अध्यक्ष सुनीता चौहान, राजकुमारी टांक तथा अन्य सदस्यों ने फल वितरण में सहयोग प्रदान किया।