भारतीय ग्राहकों में बढ़ी सुरक्षा रेटिंग वाली कारों की चाहत

नई दिल्ली। सुरक्षित यात्री वाहनों के प्रति लोगों में आ रही जागरूकता के कारण अब देश के अधिकांश लोग बेहतर सुरक्षा रेटिंग वाली कारें खरीदना चाहते हैं।

ग्राहकों के बीच अपनी पर्सनल कार को चुनने को लेकर एक सर्वे किया गया जिसमें यह पता चला है। उनकी प्राथमिकताओं को समझने के लिए किए गए इस सर्वे में ग्राहकों का सुरक्षा फीचर की ओर गहरा झुकाव देखने को मिला और हर 10 में से 9 ग्राहकों का मानना था कि भारत में सभी कारों की सुरक्षा रेटिंग होनी चाहिए। सर्वे में सामने आया कि ग्राहकों द्वारा कार खरीदने के निर्णय को प्रभावित करने वाले दो सबसे महत्वपूर्ण पहलू क्रैश रेटिंग और एयरबैग्स की संख्या थे। सबसे लोकप्रिय विशेषताओं में से एक, फ्यूल एफिशियंसी तीसरे स्थान पर थी।

लगभग 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं में मौजूदा कार मालिक थे, जिनमें पास 5 लाख रुपये या उससे ज्यादा मूल्य की कार थी। लगभग 33 प्रतिशत के पास कार नहीं थी, लेकिन वे एक साल के अंदर 5 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य की कार खरीदना चाहते थे। यह सर्वे 18 साल से 54 साल के लोगों के बीच एसईसी ए और बी ब्रैकेट में किया गया, जिनमें 80 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष और 20 प्रतिशत उत्तरदाता महिलाएं थीं।

कार की क्रैश रेटिंग ग्राहकों द्वारा कार खरीदने के निर्णय में सबसे महत्वपूर्ण थी, जिसके महत्व का स्कोर 22.3 प्रतिशत था। इसके बाद एयरबैग थे, जिनके महत्व का स्कोर 21.6 प्रतिशत था। फ्यूल एफिशियंसी कार खरीदने के लिए तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पहलू था, जिसके महत्व का स्कोर 15 प्रतिशत था।

कार की क्रैश रेटिंग के मामले में ग्राहकों की सर्वाधिक पसंद 5 स्टार रेटिंग की कार के लिए रही, जो 22.2 प्रतिशत थी। इसके बाद 4-स्टार रेटिंग के लिए पसंद 21.3 प्रतिशत थी। जीरो क्रैश रेटिंग सबसे पीछे रही, जिसका स्कोर केवल 6.8 प्रतिशत था। क्रैश टेस्ट में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग के दो सेट होने के बारे में जागरुकता काफी ज्यादा 76 प्रतिशत थी, जबकि भारत में केवल 30 प्रतिशत ग्राहक ही बच्चे/पीछे की सीट पर बैठे लोगों की सेफ्टी रेटिंग के इन दो सेट्स में होने की बात जानते हैं।

यह सर्वे स्कोडा ऑटो इंडिया द्वारा एनआईक्यू बेसेस के माध्यम से कराया गया। एनआईक्यू बेसेस के बेसेस स्पेशियल्टी सेल्स के क्षेत्रीय निदेशक (एपीएमईए) अमृता श्रीवास्तव ने कहा कि एनआईक्यू बेसेस समाधान – एफपीओ (फीचर प्राईस ऑप्टिमाईज़र) द्वारा किए गए इस सर्वे में अलग-अलग विकल्प विधियों का उपयोग किया गया, जिसमें सामने आया कि ग्राहक कार खरीदने के लिए टेस्टेड विशेषताओं में ‘क्रैश रेटिंग’ की सुरक्षा विशेषता को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।

हमारा फीचर प्राईस ऑप्टिमाईज़र (एफपीओ) ग्राहकों के विकल्पों को समझकर उनके द्वारा कार खरीदने के व्यवहार और उनके द्वारा चुकाए जाने वाले मूल्यों को समझता है। यह सर्वे भारत के 10 राज्यों में 1000 लोगों के बीच किया गया। इसमें शामिल किए गए राज्यों में तमिल नाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश/तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश हैं।

ग्लोबल एनसीएपी के महासचिव एलेज़ैंड्रो फुरास ने कहा कि ग्लोबल एनसीएपी बाजार में सुरक्षित कारों की ओर परिवर्तन को प्रोत्साहित कर रहा है। हम उपभोक्ताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया और ऑटोमेकर सुरक्षा डिज़ाईन में सुधारों को गति देने में इसके द्वारा उत्पन्न प्रभाव को देखकर बहुत उत्साहित हैं। यह नया सर्वे प्रदर्शित करता है कि उपभोक्ता कार खरीदने के निर्णय में सुरक्षा को प्राथमिकता मानते हैं। बाजार एक मजबूत संकेत दे रहा है कि सुरक्षा से ही कार बिकती है और जिंदगियाँ बचती हैं।

यह अध्ययन भारत सरकार एवं अन्य नियामकों द्वारा सुरक्षा पर गहरे फोकस के साथ उपभोक्ताओं के बीच कारों में सुरक्षा के प्रति धारणा के आकलन के लिए किया गया। इस सर्वे में उन विशेषताओं को ट्रैक किया गया, जिनसे उपभोक्ताओं की पसंद सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। इस सूची में सुरक्षा सबसे ऊपर थी।