कोलकाता। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारत के विभिन्न हिस्सों में ऑनलाइन बाल यौन शोषण से जुड़े एक ऐसे साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है जिसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हुए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि इस संबंध में सीबीआई को अमरीका से सूचना प्राप्त हुई थी।
सीबीआई ने कहा कि अमरीका से प्राप्त जानकारी के आधार पर ऑपरेशन हॉक शुरू किया गया और अंतरराष्ट्रीय संबंधों वाले ऑनलाइन बाल यौन शोषण से जुड़े साइबर अपराध नेटवर्क को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
सीबीआई के अंतरराष्ट्रीय संचालन प्रभाग ने शेख मुइज़ अहमद के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 506, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी तथा पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 11 के साथ धारा 12 के अंतर्गत मामला दर्ज किया तथा ऑनलाइन यौन शोषण से जुड़े साइबर अपराध नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच शुरू की।
मार्च 2024 में मंगलुरु निवासी आरोपी अहमद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डिस्कॉर्ड के माध्यम से हेइज़ेनबर्ग7343 के नाम से काम किया और एक अमरीकी नाबालिग लड़की के साथ ऑनलाइन बातचीत की।सीबीआई ने कहा कि चैट के दौरान आरोपी ने नाबालिग लड़की को उसके साथ कामुक चैट करने के लिए उकसाया और उसने लड़की से उसकी अश्लील तस्वीरें/वीडियो साझा करने के लिए भी कहा। आरोपी ने नाबालिग को ऑनलाइन अश्लील यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी धमकाया।
मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई ने आरोपी से जुड़े मुंबई और मंगलुरु में विभिन्न स्थानों पर व्यापक छापेमारी की, जिसमें मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए, जिनमें सीएसएएम था, जिसे आरोपी ने नाबालिग लड़की को प्रलोभन देकर प्राप्त किया था। आरोपी ने नाबालिग पीड़िता को धमकी भी दी कि वह उसकी अश्लील तस्वीरें/वीडियो साझा करना जारी रखे, अन्यथा वह उसकी अश्लील तस्वीरें/वीडियो इंटरनेट पर वायरल कर देगा।
इसके बाद जांच एजेंसी ने आरोपियों से जुड़े दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर व्यापक छापेमारी की, जिसमें मामले से संबंधित डिजिटल साक्ष्य युक्त मोबाइल फोन और कंप्यूटर हार्ड डिस्क जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए।सीबीआई ने अहमद को गिरफ्तार करके उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इससे पहले, सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों वाले ऑनलाइन बाल यौन शोषण मामलों पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए 2021 में ऑपरेशन कार्बन और 2022 में ऑपरेशन मेघ चक्र चलाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आरोपियों, संदिग्धों और षड्यंत्रकारियों का पता लगाया, जिसके लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया की आवश्यकता थी।