अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), रोवर्स/रेंजर्स की सुरक्षित सड़क मार्ग (सुसमा) अभियान में सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित जानकारी प्रदान करने और सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
राज्य स्तर पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक श्रीराम सिंह मीणा, अधिशासी अभियन्ता और सह प्रशिक्षक मोनिका सामरिया, सहायक अभियन्ता रहे। महाविद्यालय के अकादमिक प्रभारी प्रो. अनिल दाधीच ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर जिला समन्वयक डॉ. हरभान सिंह भी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक/सेविकाओं के साथ सोफिया गर्ल्स कॉलेज और राजकीय कन्या महाविद्यालय की एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने भी सहभागिता की। कुल 150 से अधिक प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया।
मुख्य प्रशिक्षक मीणा और सामरिया ने विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के महत्त्व से परिचित कराते हुए राज्य व्यापी सुरक्षित सड़क मार्ग अभियान में की जा रही गतिविधियों और सावधानियों के बारे में बताया। सड़क पर यातायात से जुड़ी विविध तकनीकी जानकारी एवं सड़क सुरक्षा चक्र के विभिन्न पक्षों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षकों ने बताया कि सड़क यातायात को सुव्यवस्थित बनाने के लिए युवाओं को जागरूक करने की इस पहल के अन्तर्गत सुरक्षित सड़क मार्ग का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
महाविद्यालय के अकादमिक प्रभारी प्रो. दाधीच ने युवाओं को इस अभियान से बड़ी संख्या में जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से बचने का एक ही उपाय है, सड़क के नियमों की पूरी तरह से अनुपालना। इन नियमों की जानकारी स्वयं को और सड़क पर चल रहे अन्य लोगों को सुरक्षित रखने में सहायक होती है। सभी विद्यार्थियों को सड़क मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए पूरे जोश और उत्साह से सहभागिता करनी चाहिए।
सम्पूर्ण राजस्थान में विभिन्न विभागों द्वारा निर्मित शहरी सड़क सड़कों के लिए सुरक्षित सड़क मार्ग (सुसमा) अभियान का आयोजन 9 अगस्त से 15 सितंबर 2025 तक किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आशुतोष पारीक, संयोजन डॉ. विजय कुमार डॉ. सीमा गोठवाल एवं डॉ. भीवाराम ने किया। डॉ. उमेश दत्त ने आभार जताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में लोकेश साहु, गौरव कुर्डिया, आशु, लक्षिता सिंह, पर्ल फुलवारी, गौरव कुर्डिया, नितेश परसोया आदि स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा।