सीकर में राष्ट्र सेवा के संकल्प से साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शिक्षा वर्ग का समापन

सीकर/जयपुर। सीकर के आदर्श विद्या मंदिर मे 18 मई से चल रहे संघ शिक्षा वर्ग विशेष का सोमवार को समापन हुआ।

इस अवसर पर जयपुर प्रांत के सह संघचालक हेमंत सेठिया ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए बताया कि संघ कार्य करने के लिए अपने तपोबल से जो अच्छा सीखा है उसका संकल्प लेकर समाज मे जाकर लागू करने का समय है। 1925 मे डॉ हेडगेवार ने संघ स्थापना हिंदुत्व के भाव और राष्ट्रसेवा के लक्ष्य से शुरू किया, इस कालखंड मे व्यक्ति निर्माण किया जो हमारा प्रमुख लक्ष्य भी है।

गांधी जी की हत्या के बाद संघ पर तत्कालीन सरकार ने प्रतिबंध लगाया और जब प्रतिबंध हटा तो श्रीगुरुजी ने संघ की शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण की बात कही, 1947 मे देश स्वतंत्र हुआ और व्यवस्थाओं मे सुधार का जिम्मा हमने लिया और विविध संगठन खड़े किए।

साल 1990 में समाज जागरण की रचनाएं सेवा, संपर्क, प्रचार कार्य विभाग के रूप मे स्वयंसेवक कार्य मे जुट गए। 2004 में गुरुजी की जन्मशताब्दी पर अन्य गतिविधियां प्रारंभ हुई कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, गौ सेवा, ग्राम विकास एवं सामाजिक सद्भाव। सेठिया ने बताया कि आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक इन गतिविधियों के रूप मे समाज जागरण और भारतीय मूल संस्कृति मूल्यों एवं संस्कार का काम कर रहे है और बदलता भारत पूरा समाज और देश देख रहा है।

संघ शताब्दी वर्ष मे परम पूज्य सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा पंच परिवर्तन नागरिक शिष्टाचार, स्वदेशी, पर्यावरण, सामाजिक समरसता एवं कुटुंब प्रबोधन के आह्वान को दोहराते हुए समाज के प्रत्येक व्यक्ति मे परिवर्तन हो।

विगत 15 दिनों में सभी स्वयंसेवक सामूहिक जीवन जीने के साथ शुद्ध सात्विक प्रेम ही कार्य का आधार है कठोर जीवन शैली, संघ के अनुशासन से पूर्ण कर लिए। सादगी को पहचान बना अब इस सादगी के साथ आगे बढ़ने के साथ प्रामाणिकता ही इसका आधार बने ऐसी धारणा सभी के मन मस्तिष्क पर अंकित हुई है। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्षों की यात्रा अडिग समाज और देश के सामने खड़ी हैं, प्रामाणिक लोग यदि कही है तो वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मे हैं।