चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(आईएसएस) पर गए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से बातचीत कराने के लिए छात्र संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया।
इसरो ने एक बयान में कहा कि गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने कुछ दिन पहले त्रिवेंद्रम और लखनऊ में आयोजित सत्रों में छात्रों के साथ संवाद किया। इसरो का उद्देश्य छात्र संपर्क गतिविधियों के माध्यम से अंतरिक्ष गतिविधियों, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग में युवा मन की जिज्ञासा को जगाना है। इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) त्रिवेंद्रम के परिसर में आयोजित संवाद में केरल राज्य के लगभग 200 छात्रों ने भाग लिया।
इसी तरह उत्तर प्रदेश के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के छात्रों ने भी संवाद में भाग लिया। लखनऊ में इस कार्यक्रम का समन्वय इसरो की टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) टीम द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने वीएसएससी में इसरो के वैज्ञानिकों के साथ संवादात्मक सत्रों में भाग लिया। उन्होंने अंतरिक्ष संग्रहालय का दौरा किया जिससे उन्हें इसरो की उपलब्धियों और भविष्य के योजनाबद्ध मिशनों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
इसी तरह छात्रों ने लखनऊ में इसरो के निदेशक इसरो के वैज्ञानिकों और गगनयात्री अंगद प्रताप के साथ संवादात्मक सत्रों में भाग लिया। ये कार्यक्रम युवा पीढ़ी में अंतरिक्ष गतिविधियों के बारे में जागरूकता लाने के इसरो के प्रयासों में एक हैं जो उन्हें भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण करियर अपनाने तथा विकसित भारत काे आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस पर टार्डिग्रेड्स से जुड़े माइक्रोग्रैविटी प्रयोग को सफलता के साथ पूरा कर लिया है। अध्ययन में अंतरिक्ष में उनके अस्तित्व, पुनरुत्थान और प्रजनन व्यवहार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इसरो ने कहा है कि यह अध्ययन सूक्ष्म गुरूत्व वाले वातावरण में प्रतिकूल स्थितियों में पनपने वाले जीवों की सहनशीलता संबंधी जैविक प्रकियाओं के बारे में अहम जानकारी प्रदान करेगा। पृथ्वी पर विशेष रूप से चिकित्सा क्षेत्र में इसके संभावित अनुप्रयोग हो सकते हैं।। इसरो का उद्देश्य अपनी आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से अंतरिक्ष के अनुभव को पृथ्वी के करीब लाकर छात्रों और जनता को प्रेरित करना भी है।