सबगुरु न्यूज -माउंट आबू। राहुल गांधी भले ही हल्ला मचाते रहें कि कांग्रेस के नेता जनता की समस्या के लिए सड़कों पर उतरे। जनता और शासन की अव्यवस्था के लिए संघर्ष करें। लेकिन सिरोही में जिला कांग्रेस में बड़े नेताओं के फॉलोअर्स को बैठा देने से जिला कांग्रेस में अंतिम व्यक्ति के मुद्दे उठने ही लगभग बंद हो गए हैं। बड़े नेता जो बोल देते हैं वहीं वीडियो या प्रेस नोट उनके फॉलोवर पदाधिकारी द्वारा फॉरवर्ड कर देने का नेशनल ट्रैंड यहां चल निकला है। यही हाल माउंट आबू कांग्रेस के हैं। राहुल गांधी ने गुजरात में कांग्रेस के जिस मॉडल को सुधारने की बात की थी वैसा की मॉडल कांग्रेस में सिरोही जिले में कई जगह स्थापित होकर फल फूल रहा है।
-जिला मंत्री के उठाए मुद्दे पर 13 दिन से कांग्रेस मंडल अध्यक्ष की चुप्पी
माउंट आबू में कांग्रेस का नगर मंडल है। इसके अध्यक्ष हैं नारायण सिंह भाटी। काफी लंबे समय से उनकी अध्यक्षता में माउंट आबू नगर कांग्रेस चल रही है। माउंट आबू में कॉल गर्ल्स की आवाजाही बढ़ने और बैंकॉक की तरह होने से माहौल खराब होने का जो मुद्दा भाजपा की जिला मंत्री गीता अग्रवाल ने माउंट आबू में उठाया था वास्तव में वो मुद्दा तो कांग्रेस का बनता है। कांग्रेस नगर मंडल अध्यक्ष चाहते तो इस मुद्दे से माउंट आबू पुलिस, जिला पुलिस और भजनलाल सरकार तीनों को घेर सकते थे। लेकिन, इस मुद्दे को उठाने में वो भाजपा से भी पीछे रहे।
भाजपा जिला मंत्री के द्वारा इस मुद्दे पर बयान दिए 13 दिन हो गए। लेकिन फिलहाल माउंट आबू नगर मंडल अध्यक्ष का न तो कोई प्रेस नोट सामने आया है और न ही को पत्रकार वार्ता या बयान। माउंट आबू में कांग्रेस की बागडोर संभाले रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी भी इस पर अभी तक चुप ही नजर आए। इससे ये पता लगाना मुश्किल नहीं है कि राहुल गांधी की मंशानुसार जनता के मुद्दों और उनकी तकलीफों को उठाने के लिए कांग्रेस कितनी जागरूक और संघर्षशील है। सबगुरु न्यूज द्वारा इस मुद्दे को उठाने पर जिला कांग्रेस का ध्यान इस तरफ आकर्षित होता दिख रहा है। जिले में भजनलाल सरकार में फैली कथित अव्यवस्थाओं को पार्टी के ही मंच पर जितनी मुस्तैदी से भाजपा के पदाधिकारी उठा रहे हैं उतनी मुस्तैदी से यदि कांग्रेस इन मुद्दों को उठाती तो जिले की स्थिति अलग होती।
-रतन देवासी गुट के हिस्से में माउंट आबू
सिरोही जिले में हर इलाके को अलग अलग नेताओं ने बांटा हुआ है। हालातों से लगता है कि ये बंटवारा प्रदेश संगठन ने ही कर दिया लगता है। भाजपा जितनी संगठित है उतनी कांग्रेस नहीं है। सिरोही-शिवगंज संयम लोढ़ा ने संभाला रखा है। आबूरोड- रेवदर नीरज डांगी छोड़ना नहीं चाह रहे हैं, ये बात अलग है कि अभी यहां के मंडल अध्यक्ष संयम लोढ़ा गुट के हैं। माउंट आबू में कांग्रेस को जालोर जिले के रानीवाड़ा के विधायक चला रहे हैं। यहां के मंडल अध्यक्ष उन्हीं की वरदहस्ती में हैं। जिलाध्यक्ष आनंद जोशी के तो कहने ही क्या? यूं लग रहा है कि वो इन तीनों ही गुटों ने नेताओं की मर्जी के बिना कुछ करने का मानस ही नहीं रखते। जबसे जिलाध्यक्ष बने हैं उनके खाते में जिले में फैली अव्यवस्था के खिलाफ अपने स्तर और स्वविवेक से कोई आंदोलन या ज्ञापन देने के विरले ही मामले नजर आते हैं। जबकि उनका कार्यक्षेत्र पूरा जिला है।
संयम लोढ़ा जरूर कभी कभार सरकार के खिलाफ बयान दे देते हैं, लेकिन उनके बयान भी पसंद- नापसंद के हिसाब से होते हैं, तो हर मुद्दे पर उनकी भी मुखरता देखने को नहीं मिलती। नीरज डांगी और रतन देवासी पूर्णकालिक काम सिरोही जिले में नहीं कर पाते लेकिन, फिर भी प्रदेश कांग्रेस ने इनके पांव सिरोही जिले में फंसवा रखे हैं। इसका परिणाम ये हुआ है कि ये सभी नेता पिछले दो दशकों से कांग्रेस के मूल आदिवासी और अनुसूचित जाति के वोट बैंको में कांग्रेस के प्रति विश्वास जगाकर पिंडवाड़ा – आबू और रेवदर जैसी रिजर्व सीटों पर स्थाई रूप से कांग्रेस को लाने का दावा करने की स्थिति में आज भी नहीं है।
सिरोही भाजपा जिला मंत्री के बयान से कठघरे में भजनलाल सरकार का लॉ एंड ऑर्डर!