परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज -सिरोही। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में मुख्यमंत्री सलाहकार रहे संयम लोढ़ा ने अपनी x वॉल पर एक पोस्ट की है। मुख्यमंत्री भजनलाल को टैग करते हुए इसमें उन्होंने माउंट आबू में बढ़ते देह व्यापार पर सिरोही भाजपा की जिला मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर टिप्पणी करते हुए इस पर तुरंत बंद करवाने की मांग की। इसी पोस्ट के अंत में उन्होंने आबू विकास समिति के अध्यक्ष होते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा इसकी एक बैठक नहीं लेने पर भी टिप्पणी की। लेकिन, आबू विकास समिति के जिस मुद्दे पर लोढ़ा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आईना दिखाने की कोशिश की उस मामले में तो मुख्यमंत्री रहते हुए अशोक गहलोत का रिकॉर्ड और भी खराब थे।
– दो कार्यकाल में एक भी बैठक नहीं
अशोक गहलोत राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। पिछले दो दशकों में दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। एक बार 2008- 2013 में दूसरी बार 2018- 2024 तक। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपने दस साल के इस मुख्यमंत्री काल में अशोक गहलोत ने आबू विकास समिति की एक भी बैठक आयोजित नहीं की। जबकि माउंट आबू के कांग्रेस नेता कई बार उनका इसके लिए ध्यानाकर्षित करवाते रहे। वैसे दिसंबर 2021 में माउंट आबू शरद महोत्सव का उदघाटन करने के लिए उनका माउंट आबू आना प्रस्तावित था, लेकिन वो नहीं आए।
इस कार्यक्रम का उन्हें वर्चुअल उद्घाटन किया। इस दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया, वो महात्मा गांधी भी ऐसे थे जिनका चेहरा महात्मा गांधी से नहीं मिलता था। इस इलेक्ट विवाद है तो बार में प्रशासन ने इस मूर्ति को ढकवाया। अशोक गहलोत ने इसी वर्चुअल कार्यक्रम में बताया कि उन्हें आबू विकास समिति की बैठक ली थी। लेकिन ये नहीं बताया कि कब ली थी।
सूत्रों के अनुसार 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने 1999- 2000 में आबू विकास समिति ही बैठक जयपुर में की थी। उस समय माउंट आबू एसडीएम नवीन महाजन थे और पालिकाध्यक्ष शारदा देवी। इस बैठक में उपखण्ड अधिकारी के साथ तत्कालीन पालिका उपाध्यक्ष सुनील आचार्य हिस्सा लिया था। वहीं एक बैठक माउंट आबू में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के दौरान हॉलिडे होम में आबू विकास समिति की बैठक हुई थी। इसमें तत्कालीन समिति के सदस्य रतन देवासी बैठक में मौजूद थे। इसकी प्रोसिडिंग भी है।
मुख्यमंत्री रहते हुए अशोक गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल में तो माउंट आबू गए भी नहीं। गए भी तब जब उनके पुत्र वैभव गहलोत लोकसभा चुनाव में खड़े हुए थे तब उनके लिए वोट मांगने के लिए जनसभा करने। लेकिन, अपने मुख्यमंत्री काल में माउंट आबू के लोगों के अनुरोध को नजरअंदाज करने के कारण माउंट आबू ने भी उनके अनुरोध को अनसुना कर दिया था।
– वसुंधरा राजे ने हर कार्यकाल में की बैठक
आबू विकास समिति के जिस मुद्दे पर कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री भजनलाल को घेरने की कोशिश कर रहे हैं उसकी पिछले दो दशकों में अपने हर कार्यकाल में मीटिंग लेने वाली मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ही पार्टी की थी। मुख्यमंत्री रहते हुए वसुंधरा राजे ने आबू विकास समिति की दो बैठकें ली। इसमें से एक बैठक 2008 में ली थी। वसुंधरा राजे 2003- 2008 तक राजस्थान की मुख्यमंत्री होने के नाते इस समिति की अध्यक्ष थीं। वहीं 2013-18 के मुख्यमंत्री के अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने आबू विकास समिति की दूसरी बैठक 28 जुलाई 2016 में सिरोही जिला परिषद सभागार में ली थी। वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री आपके द्वार कार्यक्रम में तीन दिवसीय प्रवास पर सिरोही आई थीं। इसी प्रवास के अंतिम दिन उन्होंने आबू विकास समिति की बैठक ली थी। उल्लेखनीय है कि शिवचरण माथुर ने मुख्यमंत्री रहते हुए इस समिति का गठन किया था। उनके बाद मुख्यमंत्री बने भैरोंसिंह शेखावत ने भी अपने दोनों कार्यकालों में इसकी एक भी बैठक नहीं ली थी।
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