अलवर। राजस्थान में अलवर से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे अजय अग्रवाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने सोमवार को बताया कि अजय अग्रवाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के उपरांत जिला कांग्रेस समिति, अलवर द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया था, जिसका अजय अग्रवाल ने निर्धारित समय में कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि नोटिस के उपरांत भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए। जिससे कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल हुई है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस समिति के निर्देशानुसार अजय अग्रवाल को अनुशासन हीनता के कारण कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छ: वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है।
उन्होंने बताया कि अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महिमा मंडन करते हुए भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के फूल का उपयोग करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट की थी और उससे पहले दो मई को व्हाट्सएप पर जिला कांग्रेस कमेटी अलवर के निष्क्रय रहने की पोस्ट डाली थी। उन्होंने कहा कि अग्रवाल ने जिला कांग्रेस समिति पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया जिसके लिए जिला कांग्रेस ने उन्हें 15 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसका जवाब नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि अग्रवाल पूर्व में भाजपा पार्टी से जुड़े थे और भाजपा के नगर परिषद के सभापति रह चुके हैं, बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और कांग्रेस ने उन्हें शहर विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया, वह वर्तमान विधायक एवं पर्यावरण राज्यमंत्री संजय शर्मा से हार गए थे।
उधर, निष्कासन के बाद अजय अग्रवाल ने कहा कि जो विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहा है उसको जिला अध्यक्ष निष्कासित नहीं कर सकता। उसको कोई अधिकार नहीं है। प्रदेश अनुशासन समिति नोटिस जारी करती है। अगर संतुष्ट नहीं होती है तो निलंबन की कार्रवाई करती। उन्होंने योगेश मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए। सोशल मीडिया पर बधाई की पोस्टों को लेकर उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्रहित की बात करेगा मैं उसको बधाई दूंगा। मेरे लिए राष्ट्र पहले है, पार्टी बाद में है।