नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के प्रस्ताव पर मंगलवार को तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की जिसमें उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के एक-एक न्यायाधीश और एक कानूनविद् शामिल हैं।
बिरला ने लोक सभा में महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सदन को अवगत कराते हुए कहा कि इस समिति में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बी वी आचार्य को शामिल किया गया है। उन्होेंने कहा कि समिति यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति से जांच रिपोर्ट मिलने तक यह प्रस्ताव लंबित रहेगा।
उन्होंने समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा से पहले कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के तहत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश वर्मा को उनके कदाचार के लिए उनको हटाने का प्रस्ताव मिला था। न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में उनके कार्यकाल के समय से संबंधित शिकायत को गंभीर प्रकृति का पाया गया। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।
बिरला ने न्यायमूर्ति वर्मा के मामले में कार्रवाई का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि इस मामले से जुड़े तथ्य जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं, वे भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के साथ अनुच्छेद 217 और अनुच्छेद 218 के तहत कार्रवाई और प्रक्रिया के योग्य है और संसद को इस विषय में एक स्वर में बोलना चाहिए और देश के प्रत्येक नागरिक को सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता के अपने संकल्प के बारे में एक स्पष्ट संदेश भेजना चाहिए।