भैंसोला (धार)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भावुक अंदाज़ में देश की माताओं-बहनों से अपील की कि वे पूरे परिवार की चिंता के बीच कुछ समय खुद के लिए भी निकालें और बीमारियों की आशंकाओं से बचने के लिए आज से शुरु हुए ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं क्योंकि सरकारी तिजोरी महिलाओं के उत्तम स्वास्थ्य से ज्यादा कीमती नहीं है।
मोदी मध्यप्रदेश के धार जिले के भैंसोला में आयोजित इस राष्ट्रव्यापी अभियान से जुड़े समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इस अभियान की शुरुआत करने के साथ ही देश के पहले ‘पीएम मित्रा’ पार्क की भी आधारशिला रखी। समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर समेत राज्य के मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने भावुक अंदाज में कहा कि महिलाओं का आशीर्वाद मेरा सबसे बड़ा रक्षाकवच है। देश की कोटि-कोटि माताएं-बहनें बढ़-चढ़कर मुझ पर अपना आशीर्वाद देतीं रहीं हैं। माताओं, बहनों, आज 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती पर मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं। आप संकोच किए बिना स्वास्थ्य शिविरों में जाकर जांच जरूर करवाएं। एक बेटे या भाई होने के नाते मैंं इतना तो मांग सकता हूं। इन स्वास्थ्य शिविरों में, कितनी ही महंगी जांच क्यों ना हो, कोई पैसा नहीं देना होगा। जांच भी मुफ्त होगी, दवाई भी मुफ्त होगी। आपके उत्तम स्वास्थ्य से ज्यादा कीमती सरकारी तिजोरी नहीं है। तिजोरी आपके लिए है, माताओं बहनों के लिए है।
उन्होंने कहा कि माताएं और बहनें राष्ट्र की प्रगति का मुख्य आधार हैं। मां बीमार हो तो घर की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जाती हैं। ये अभियान माताओं के भविष्य के लिए है। एक भी महिला जानकारी या संसाधनों के अभाव में गंभीर बीमारियों का शिकार ना हो। बहुत सी बीमारियां पता न चलने के कारण बड़ी हो जाती हैं। ऐसी बीमारियां, जिनका महिलाओं में सबसे ज्यादा खतरा हो, उन्हें शुरुआती दौर में ही पकड़ना जरूरी है, इसलिए इस अभियान के तहत बीमारियाें की जांच की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से शुरु होकर ये अभियान दो अक्टूबर, दशहरे के दिन तक ‘विजयी’ होने के संकल्प के साथ चलने वाला है। हमेशा घर परिवार की चिंता करने वाली महिलाएं थोड़ा समय खुद के लिए भी निकालें। मोदी ने कहा कि आज से आठवें राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत हो रही है। विकसित भारत में माता और शिशु मृत्यु दर को कम करना ही है। इसी उद्देश्य से 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरु की थी।
राज्य के इस धुर आदिवासी क्षेत्र में अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि देश के आदिवासी इलाकाें में ‘सिकल सेल एनीमिया’ बड़ा संकट होता है। केंद्र सरकार आदिवासियों को इस बीमारी से बचाने के लिए राष्ट्रीय मिशन चला रही है। साल 2023 में मध्यप्रदेश के शहडोल से इसकी शुरुआत की गई थी। वहीं सिकल सेल स्क्रीनिंग का पहला कार्ड दिया था। आज मध्यप्रदेश में ही सिकल सेल स्क्रीनिंग का एक करोड़वां कार्ड वितरित हुआ है।
उन्होंने कहा कि सिकल सेल एनीमिया को लेकर पूरे देश में पांच करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। जिस काम के पीछे सरकार लगी है, वो आने वाली पीढ़ियों के लिए है। उन्होंने आदिवासी माताओं से आग्रह किया कि वे इस बीमारी की जांच जरूर करवाएं।