वोट चोरी के मास्टरमाइंड का पकड़ा जाना जरूरी, ज्ञानेश कुमार दें जवाब : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि देश में ‘वोट चोरी’ की जा रही है और सोची समझी रणनीति के तहत अत्यंत व्यवस्थित तरीके से विपक्षी दलों के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाये जा रहे हैं तथा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार यह काम करने वालों को बचा रहे हैं।

गांधी ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि कई स्थानों पर मतदाताओं के नाम हटाने और जोड़ने का काम व्यवस्थित तथा केन्द्रीयकृत रूप से किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को संरक्षण दे रहे हैं और उनके खिलाफ की जा रही जांच में कोई मदद नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 मतदाताओं के नाम काटे गए जिसके उनके पास सबूत हैं। यह काम सिर्फ आलंद में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में भी उसी तरीके से हुआ है और वहां 6,850 मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात आदि राज्यों में इसी तरह से ‘वोट चोरी’ का काम किया जा रहा है। उनका कहना था कि यह चोरी केंद्रीकृत रूप में हो रही है ओर इसके मास्टरमाइंड का पकड़ा जाना जरूरी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि जिनके वोट काटे जा रहे हैं उन्हें इसका पता ही नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘वोट चोरी’ एक बीएलओ के जरिए पकड़ी गई, जिसके रिश्तेदार का वोट काट दिया गया था। बीएलओ ने पता किया तो पता चला कि उनके रिश्तेदार का वोट उसी के पड़ोसी ने कटवाया है। बीएलओ ने जब पड़ोसी से पूछा तो उसने बताया कि हमने वोट नहीं कटवाया। जब शक बढ़ा तो बीएलओ ने जांच शुरू की तो पता चला कि किसी तीसरे व्यक्ति ने आलंद में केंद्रीकृत तरीके से नाम हटवाये हैं।

इसमें ये भी पता चला कि नाम हटाने के लिए ‘फाइलिंग ऑनलाइन ऑटोमेटेड’ तरीके से हुई और जो मोबाइल नंबर इस्तेमाल हुए, वो कर्नाटक के बाहर के नंबर थे। उन्होंने कहा कि आलंद में मतदाताओं के नाम काटे जाने की संख्या 6018 पता चली है लेकिन यह और भी अधिक हो सकती है। इस पूरी जांच में ये भी पता चला कि कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाकर, उनके नाम काटे गए हैं।

गांधी ने कहा कि कांग्रेस को निशाना बनाकर उसके सशक्त बूथों पर वोट चोरी हो रही है और आलंद विधानसभा क्षेत्र में उसके गढ़ कहे जाने वाले 10 प्रमुख बूथों पर सबसे ज्यादा नाम हटाये गए हैं। इन बूथों पर 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 10 में से आठ बूथों पर जीत दर्ज की थी। वोट चोरी का यह खेल संयोग नहीं है बल्कि सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

चुनाव आयोग को वोट चोरी करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबूत हैं कि मतदाताओं के नाम हटाने के लिए सॉफ्टवेयर, कॉल सेंटर का इस्तेमाल हुआ है। इस पूरी ‘वोट चोरी’ में मुख्य चुनाव आयुक्त वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं। ‘वोट चोरी’ का मास्टरमाइंड कौन है। सबको पता चल जाएगा। उनका कहना था कि वह सबूत के साथ बता रहे हैं कि जो नाम हटाए गए हैं – वो सॉफ्टवेयर, कॉल सेंटर के जरिये किए गए।

गांधी ने कहा कि यह केंद्रीयकृत आपराधिक अभियान है जो वोट चोरी के लिए शुरु किया गया है। इस प्रक्रिया के तहत ऑटोमेटिक रूप से ऑनलाइन फार्म भरे जा रहे हैं और कर्नाटक से बाहर के मोबाइल नम्बर का इस्तेमाल कर कांग्रेस के वोटों को निशाना बनाया जा रहा है। चुनाव आयोग को वोट चारों की रक्षा नहीं करनी चाहिए और उसे एक सप्ताह में कर्नाटक सीआईडी को जवाब देना चाहिए।

मुख्य चुनाव आयुक्त पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार ‘वोट चोरों’ की रक्षा कर रहे हैं। मैं जो भी बोल रहा हूं, वो शत-प्रतिशत सबूत के साथ बोल रहा हूं। कर्नाटक सीआईडी ने मामला दायर किया और चुनाव आयोग को 18 पत्र लिखकर यह बताने को कहा कि उसे गंतव्य यानि डेस्टिनेशन आईपी, डिवाइस गंतव्य पोर्ट, ओटीपी ट्रोल्स, फ़ोन नंबर और उन फोन नंबर के मालिकों के नाम बताए जाएं।

फरवरी 2023 में प्राथमिकी होती है और मार्च में कर्नाटक सीआईडी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ब्यौरा मांगता है। अगस्त 2023 में आधी-अधूरी जानकारी दी जाती है, ताकि जांच आगे न बढ़ सके, जिसके बाद पूरी जानकारी के लिए चुनाव आयोग को 18 बार फिर से पत्र भेजे गए। मार्च 2025 में कर्नाटक के चुनाव अधिकारी ने भी चुनाव आयोग से विवरण मांगा और आखिरी पत्र सितंबर में भेजा गया है लेकिन कोई जवाब नहीं आया। ये सारे सबूत हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ‘वोट चोरों’ की रक्षा कर रहे हैं और ये सब ‘ब्लैक एंड वाइट’ सबूत हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह साजिश कौन कर रहा है इसकी जानकारी उसको नहीं है जिनके नाम काटे जा रहे हैं। इनमें नागराज जी को देखिए जिन्होंने 36 सेकंड में दो फॉर्म भर दिए। इसमें ख़ास बात यह है कि नागराज जी, सुबह चार बजे उठे, 36 सेकंड में दो फॉर्म भरे और फिर दो वोट काटकर सो गए। इसी तरह से सूर्यकांत जी ने 12 मतदाताओं के नाम को 14 मिनट में हटाया लेकिन जब हमने इनसे पूछा कि आपने ये कैसे किया तो उन्होंने कहा कि हमने नाम नहीं हटाए, हमें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।

एक और सबूत गोदाबाई का है। गोदाबाई जी के नाम पर 12 वोटर हटाए गए हैं, जिनके बारे में गोदाबाई को कोई जानकारी नहीं है। सवाल है-जिन नंबर से 12 वोटर हटाए गए, वो किसके नंबर हैं। ये मोबाइल नंबर किसने और कहां से ऑपरेट किए जा रहे हैं। इन नंबरों का आईपी एड्रेस क्या था। नाम हटाने के लिए ओटीपी किसको गया। जब इन नंबरों पर फोन किया जाता है, तो कोई जवाब नहीं आता हमारा सवाल था कि क्या चुनाव आयोग सोया हुआ है लेकिन ऐसा नहीं है- वो जगे हुए हैं और वोट चोरी में मदद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जी से हमारी मांग है कि आप अपना काम कीजिए, क्योंकि आपने शपथ ली है। हमारी मांग है कि कर्नाटक की सीआईडी जो सबूत मांग रही है, आप उन्हें सात दिन के अंदर सबूत दे दीजिए। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो पूरा हिंदुस्तान मान लेगा कि आप संविधान की हत्या में शामिल हैं और वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं।