जयपुर। अधिवक्ता परिषद् राजस्थान जयपुर प्रान्त की जिला न्यायालय इकाई की ओर से बुधवार को एसएसजी पारीक महाविद्यालय में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् के 34वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
आम नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि अतिरिक्त महाधिवक्ता बसंत सिंह छाबा ने कहा कि सफलता के लिए सलाह, अनुभव और दिमाग का संतुलित उपयोग जरूरी है। उन्होंने न्याय को केवल मुफ्त में केस लड़ना या सलाह देना काफी नहीं मानते हुए कहा कि असली न्याय जरूरतमंदों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने अधिवक्ताओं से समाज में कमी और अभाव दूर करने का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार शर्मा तथा क्षेत्रीय मंत्री कमल परसवाल भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। परसवाल ने कहा कि न्याय केवल न्यायालय की दीवारों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक तबके तक उसकी सहज पहुंच सुनिश्चित करना ही अधिवक्ता समाज का लक्ष्य होना चाहिए।
अधिवक्ता परिषद् जयपुर प्रान्त के अध्यक्ष प्यारेलाल की अध्यक्षता में हुए इस समारोह में में कहा कि अधिवक्ता परिषद् का ध्येय नागरिकों और न्यायालयों के बीच सेतु का कार्य करना है, जिससे हर व्यक्ति भय और संकोच से मुक्त होकर न्याय मांग सके।
प्रान्त महामंत्री अभिषेक सिंह ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि युवा अधिवक्ता सेवा, समाज और संवेदना इन तीन मूल्यों के साथ वकालत करें। न्याय के व्यापक अर्थ को समाज तक पहुंचाने के लिए अधिवक्ताओं को निरंतर जन-जागरण और मार्गदर्शन की भूमिका निभानी होगी।
परिषद् का परिचय अधिवक्ता अस्मिता अग्रवाल ने कराया। धन्यवाद ज्ञापन जिला न्यायालय इकाई जयपुर के अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता तथा मंच संचालन इकाई महामंत्री कृष्ण देवासी ने किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष सुतीक्ष्ण भारद्वाज, उपाध्यक्ष जिला न्यायालय इकाई जयपुर सुनीता श्रीमाल और राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एसके गुप्ता, हाईकोर्ट इकाई के पूर्व अध्यक्ष विनोद गुप्ता, जिला न्यायालय न्यायालय इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रशांत कुमावत, जयपुर प्रांत के पूर्व महामंत्री जितेंद्र सिंह राठौड़ सहित अन्य पदधिकारी उपस्थित रहे।