61 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के तीन सदस्य अरेस्ट

अलवर। राजस्थान के भिवाड़ी जिला पुलिस के साइबर क्राइम थाना पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतर्राज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

भिवाड़ी पुलिस उपाधीक्षक (साइबर) जय सिंह ने सोमवार को बताया कि यह गिरोह फर्जी फर्म बनाकर फर्जी बैंक खाते खोलता था और इन खातों का क्रय-विक्रय कर साइबर ठगी की राशि प्राप्त करता था। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से 11 चेकबुक, चार एटीएम कार्ड, 4 क्यूआर कोड, एक स्वाइप मशीन और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

सिंह ने बताया कि गत एक सितंबर से आगामी 30 सितंबर तक चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत महानिदेशक साइबर क्राइम से प्राप्त संदिग्ध म्यूल अकाउंट की सूची के आधार पर कार्रवाई शुरू करने पर जांच में पाया गया कि फर्म एसआरएल लोजिस्टिक्स (टपुकड़ा, भिवाड़ी) के नाम से संचालित एक एचडीएफसी बैंक खाते में 20 लाख रुपए की साइबर ठगी का लेनदेन हुआ। इस खाते का मालिक वकील अहमद है।

इसी तरह, ओवरसीज बैंक में बेस्ट कलेक्शन (भगत सिंह कॉलोनी, भिवाड़ी) के नाम से संचालित खाते का प्रोप्राइटर राशिद है, जिसके खिलाफ 1930 एनसीआरपी पोर्टल पर 63 शिकायतें दर्ज हैं और 50 करोड़ रुपए की ठगी का लेनदेन हुआ। तमिलनाडु बैंक के एक अन्य खाते, जो अभियुक्त अजमत अली के कब्जे से बरामद हुआ, पर 33 शिकायतें दर्ज हैं, जिसमें 11 करोड़ रुपये की ठगी का लेनदेन हुआ। कुल मिलाकर, इन खातों पर देशभर में 100 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें 61 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का लेनदेन सामने आया है।

उन्होंने बताया कि इस मामले में वकील अहमद (40) निवासी घुडावली उटावड़ पलवल, हरियाणा एवं राशिद (28), निवासी पारोली, गदपुरी पलवल हरियाणा सहित अजमत अली (39) निवासी खरकड़ी, तावडू नूंह मेवात (हाल निवासी टेरा हैरिटेज, ततारपुर, भिवाड़ी) को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त शातिर अपराधी हैं, जो साइबर ठगों के लिए फर्जी खाते उपलब्ध कराते थे। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और संदिग्ध खातों की जांच कर रही है।