सुधारात्मक उपाय के साथ बिहार की मतदाता सूची प्रकाशित करेगा चुनाव आयोग : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के संबंध में गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि चुनाव आयोग टाइपोग्राफ़िकल त्रुटियों और अन्य गलतियों की जांच के साथ सुधारात्मक उपाय करते हुए अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इन टिप्पणियों के साथ कहा कि वह बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) से संबंधित कानूनी मुद्दों पर चार नवंबर को सुनवाई करेगी।

पीठ के समक्ष चुनाव आयोग ने कहा कि 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद से किसी भी मतदाता द्वारा नाम हटाने के खिलाफ एक भी अपील दायर नहीं की गई है। आयोग ने दावा किया कि बिहार एसआईआर प्रक्रिया सटीक थी और याचिकाकर्ता राजनीतिक दल और गैर सरकारी संगठन इस प्रक्रिया को बदनाम करने के लिए केवल झूठे आरोप लगाने से संतुष्ट हैं।

गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि एक मतदाता द्वारा यह दावा किए जाने का विवरण कि उसका नाम अंतिम सूची में नहीं जोड़ा गया था, सच है। चुनाव आयोग ने हालांकि, मामले की पिछली सुनवाई के दौरान गलत करार दिया था। भूषण ने कहा कि चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए कि कितने मतदाताओं के नाम हटाए गए और किस संशोधन के लिए, ताकि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

अदालत ने पहले बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को अपने जिला-स्तरीय निकायों को निर्देश जारी करने के लिए कहा था कि वे अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए 3.66 लाख मतदाताओं को चुनाव आयोग में अपील दायर करने में सहायता करें।

चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा था कि अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है, जबकि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी। अंतिम संख्या में हालांकि 17.87 लाख की वृद्धि हुई है, जबकि गत एक अगस्त को जारी मसौदा सूची में 7.24 करोड़ मतदाता थे। इस सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे।

मसौदा सूची में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं, जबकि 3.66 लाख नाम हटाए गए हैं, जिससे कुल संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है।
गौरतलब है बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर 6 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि शेष 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी।