बैनर को क्यों मान रहे हैं आबूरोड पालिकाध्यक्ष की सांसद, विधायक प्रत्याशी और जिलाध्यक्ष को चुनौति!

आबूरोड रेलवे स्टेशन की रेलिंग पर लगा होर्डिंग जिसमें पालिका अध्यक्ष मगन दान चारण के अलावा प्रदेश और जिला भाजपा के सारे जनप्रतिनिधियों संगठन पदाधिकारियों को उनकी जगह दिखाई गई माना रहा है।

परीक्षित मिश्रा

सबगुरु न्यूज-आबूरोड। दीवाली के बाद से आबूरोड के राजनीतिक गलियारों में एक कयास तेजी से लगाया जा रहा है। दीवाली के दौरान आबूरोड शहर में बैनर लगाए गए थे। इन बैनरों के आधार पर आबूरोड में शहरवासी, भाजपाई और विपक्ष में जो राजनीतिक चकल्लस चल रही है उसके अनुसार आबूरोड नगर पालिका के कई पार्षदों ने ये राजनीतिक संदेश दे दिया है कि उनके लिए नगर पालिका अध्यक्ष मगनदान चारण का कद सांसद, विधायक प्रत्याशी और जिलाध्यक्ष से बड़ा है। इसके आधार पर ये माना जा रहा है कि आगामी नगर पालिका चुनावों में टिकिट वितरण में आबूरोड के नगर पालिका अध्यक्ष भाजपा के सांसद लुम्बाराम चौधरी, विधायक प्रत्याशी जगसीराम कोली, जिलाध्यक्ष और नगर मंडल अध्यक्ष पर ज्यादा भारी हैं। ये कयास यूं ही नहीं लगाया जा रहा। इसकी वजह भी वही बैनर है जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए आबूरोड में चर्चा का विषय बन चुके हैं।

होर्डिंग बैनर्स में बड़े नेताओं की स्पॉट लाइट्स में यूं चमकते हैं छोटे नेताओं के किरदार

-पार्षदों के बैनरों से गायब हैं ये सभी स्पाॅटलाइट

मूवी, मंचों और घरों के इंटीरियर में स्पाॅट लाइटें देखी होंगी। ये वही लाइटें हैं जिनकी रोशनी सीधे तौर पर किरदार या घरों के ड्राइंग रूम में उन डेकोरेटिव आर्टिकल पर पडती है जिसे ज्यादा हाईलाइट करना हो। राजनेताओं में व्यंग्य में ये बोला जाता है कि राजनीति में उपर बढने के लिए बडे नेताओं की मेहरबानी जरूरी है। उनका ये भी कहना रहता है कि होर्डिंगों और बैनरों में सबसे उपर गोल घेरे में लगने वाली बडे नेताओं की छोटी तस्वीरें वही स्पाॅट लाइट हैं जो छोटे नेताओं पर पडती हैं तो उनका किरदार सत्ता और संगठन में चमकता है।

बैनर पर सबसे उपर लगी नेताओं की तस्वीरों की पट्टी दिखाती हैं कि इस बैनर को लगाने वाला नेता किस बडे नेता की स्पाॅट लाइट से चमक रहा है। आबूरोड में नगर पालिका ने दीवाली के दौरान सजावट के लिए स्वागत द्वार लगाए थे। इन स्वागत द्वारों पर कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बैनर लगे हुए थे। भाजपा के पार्षदों के बैनरों में पालिकाध्यक्ष मगनदान चारण के फोटो थे लेकिन, ये पार्षद किन बडे नेताओं के प्रकाश में चमक रहे हैं ऐसा कोई संदेश आबूरोड को नहीं दिया गया। इसमें से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष, सांसद, विधायक प्रत्याशी, भाजपा जिलाध्यक्ष और नगर मंडल अध्यक्ष सब ही गायब थे। सिर्फ पालिकाध्यक्ष मगनदान चारण की तस्वीर हैलोजन लाइट की तरह पार्षदों की तस्वीर के साथ चमक रही थी। ऐसे में आबूरोड के राजनीतिक गलियारों में एक ही राजनीतिक संदेश है कि फिलहाल सारे भाजपा के जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक प्रत्याशी, जिलाध्यक्ष और नगर मंडल अध्यक्ष को महत्वहीन मानकर पालिकाध्यक्ष की रोशनी में चमकने का मानस बना चुके हैं।

मानपुर चौराहे पर लगा होर्डिंग जिसमें पालिकाध्यक्ष का कद विधानसभा प्रत्याशी बड़ा बताने का संदेश जाता माना रहा है।

– ऐसा तो वैसा क्यों

दीवाली के दौरान शहर में की गई सजावट के स्वागत द्वार जिस वार्ड में लगे थे उस वार्ड के पार्षदों ने अपने बैनर उन वार्डों के स्वागत द्वारों पर लगवा दिए। भाजपा के लगभग सभी पार्षदों के बैनर में भाजपा के प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशाध्यक्ष, जिला प्रभारी, सांसद, विधानसभा के प्रत्याशी, जिलाध्यक्ष के फोटो नहीं थे।

मानपुर चौराहे पर भाजपा पार्षद अमरसिंह के एक बैनर पर रेवदर विधानसभा के प्रत्याशी जगसीराम कोली का फोटो दिख रहा है। लेकिन, इसमें कोली की तस्वीर की पोजीशन भी संदेश दे रही है। आम तौर पर प्रभावशाली नेता या बड़े नेता की फोटो को बैनर में बिल्कुल बीच में या बैनर को देखने वालों के बाईं और लगाया जाता है। बैनर में मगन दान चारण की तस्वीर को बिल्कुल बीच में लगाया है वहीं जगसीराम कोली की फोटो को एकदम अंत में दाहिनी ओर। यही नहीं मानपुर चौराहे पर लगे नगर पालिका के स्वागत द्वार पर जो बैनर था उसमें जगसीराम कोली का फोटो नहीं था। भले ही जगसीराम कोली हार गये हों, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार हैं ऐसे में पार्टी प्रोटोकॉल के अनुसार यहां के रेवदर विधानसभा में विधायक के प्रोटोकॉल उन्हीं के पास हैं। ऐसे में आज भी कम कम सत्ता और संगठन में आबूरोड में बड़े नेता तो भी हैं मगनदान चारण नहीं।

रमेश वैष्णव तो भाजपा नगर मंडल का उपाध्यक्ष हैं फिर भी इनके बैनर में सांसद के साथ जिलाध्यक्ष और नगर मंडल अध्यक्ष को दरकिनार करके पालिकाध्यक्ष मगनदान चारण की फोटो प्रमुखता से लगी थी। यही नहीं रेलवे स्टेशन की बाहरी दीवार पर अभी भी भाजपा पार्षद राधेश्याम शाक्य का होर्डिंग लगा हुआ है। इसमें से भी शाक्य के साथ सिर्फ पालिका अध्यक्ष मगन दान चारण की फोटो है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री , प्रदेशाध्यक्ष, प्रभारी मंत्री, संगठन प्रभारी, सांसद, विधायक प्रत्याशी, जिलाध्यक्ष और नगर अध्यक्ष की तस्वीरें गायब हैं।

भाजपा के जितने भी पार्षदों के बैनर स्वागत द्वारों पर लगे दिखे उसमें सबमें उस पार्षद और पालिकाध्यक्ष मगनदान चारण का ही फोटो होने का काॅमन पैटर्न नजर आया। ये इस बात की ओर इशारा करता है कि या तो ये बैनर बनवाने वाला एक ही व्यक्ति है या फिर इसमें पालिकाध्यक्ष को आबूरोड शहर का एकमात्र स्वीकृत नेता मानते हुए नगर पालिका चुनाव से पहले सांसद, विधायक प्रत्याशी और जिलाध्यक्ष को चुनौति दी गई है।

दिवाली के दौरान की गई सजावट में स्वागत द्वार पर लगे बैनर्स से नदारद देश, प्रदेश और जिले के बड़े नेताओं के फोटो।

– ये संदेश देने की कोशिश

संगठन में ही अंदरखाने चर्चा है कि इन बैनरों से संगठन के पदाधिकारियों के फोटो नदारद करने की दो ही सूरत हो सकती है वो ये कि मगनदान चारण के आगे संगठन सभी बड़े नेताओं को आबूरोड में उनकी हैसियत दिखानी हो या ये बैनर नगर पालिका ने खुदने अपने खर्चे से प्रिंट करवाए हों। लेकिन पालिका के द्वारा प्रिंट करवाने की सूरत में भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री और सांसद का फोटो तो लगवाया ही जा सकता था क्योंकि ये इसी सिस्टम का हिस्सा हैं, ऐसे में नगर पालिका इनकी तस्वीरें तो लगा ही सकती थी।

सोशल मीडिया और होर्डिंग पॉलिटिक्स के दौर में राजनीतिक संदेश और वर्चस्व की लडाई में सोशल मीडिया और बैनरों से भी संदेश दिए जाते हैं। ऐसे में आबूरोड नगर पालिका क्षेत्र में दीवाली के दौरान लगाए बैनर ये स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि यहां पालिकाध्यक्ष मगनदान चारण एकमेव नेता मान लिए गए हैं। अब ये संदेश खुद पार्षदों ने दिया है या पालिकाध्यक्ष मगनदान चारण ने ये पार्टी को तय करना है। आबूरोड में मगनदान चारण की अपनी वर्चस्व स्थापित करने का संदेश देने की कोशिश तब की जा रही है जबकि आबू रोड नगर पालिका कथित अस्सी करोड़ रूपये को अनियमित तरीके से उड़ाने में उनका सहयोग कर वाले अधिशाषी अधिकारी यहां पर सांसद और विधायक प्रत्याशी की मेहरबानी के कारण ही टीके हुए हैं। वरना कांग्रेस शासन में अपने स्वाभिमान के लिए कांग्रेस के नेताओं ने ऐसे अधिकारियों को टिकने तक नहीं दिया था। पार्टी में ये भी आरोप लगने लगे हैं कि चरण का कार्यकाल अब खत्म होने वाला है। ऐसे में उन्हें संगठन में महामंत्री पद की आकांक्षा थी। लेकिन, उन्हें संगठन दरकिनार कर दिया गया। ये बैनर नगर पालिका में उनके करीबियों द्वारा उसी की प्रतिक्रिया में ये संदेश देने का प्रयास माना जा रहा है कि संगठन में नहीं तो कम से कम आबूरोड में तो आगामी चुनावों में उनके नेता चारण ही हैं सांसद, विधायक प्रत्याशी, जिला और मंडल अध्यक्ष नहीं।