किसी को नहीं था कि डा. आदिल राथर के खतरनाक मंसूबों का अहसास

सहारनपुर। कश्मीर पुलिस ने सात नवंबर को जब सहारनपुर के सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल फैमस मेडिकेयर में कंसलटिंग फिजिशियन के पद पर 20 मार्च से कार्यरत डा. आदिल राथर को गिरफ्तार किया था तब किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि यह शख्स दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम कार धमाके की साजिश में शामिल है।

कश्मीर पुलिस जैस-ए-मोहम्मद समर्थक पोस्टरों को श्रीनगर में चिपकाने के कारण सीसीटीवी फुटेज में उसकी संलिप्तता पाए जाने पर उसे यहां से गिरफ्तार कर ले गई थी। सहारनपुर के थाना कुतुबशेर क्षेत्र में अंबाला रोड पर 2021 में स्थापित फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल को मनोज मिश्रा नामक एक शख्स ने लीज पर लिया हुआ है। मनोज इस अस्पताल के प्रबंधक निदेशक हैं।

उन्होंने मंगलवार को बताया कि उनके यहां कंसलटिंग फिजिशियन का पद रिक्त था। उनके अस्पताल में पहले से कार्यरत डा. असलम जैदी अस्पताल के एडमिन इंचार्ज और आरएमओ डा. बिलाल ने उन्हें डा. आदिल अहमद के बारे में बताया जो उस समय सहारनपुर में ही दिल्ली रोड पर वी-ब्रास अस्पताल में कंसलटिंग फिजिशियन पद पर कार्यरत था। पांच लाख रुपए के वेतन पर डा. आदिल ने फैमस मेडिकेयर में ज्वाइन कर लिया।

इस बातचीत से पता चला कि उसी बीच डा. आदिल ने स्थानीय चिकित्सकों की मदद से एकांत इलाके में किराए पर आवास ले लिया। उनकी गतिविधियों के बारे में यहां किसी को भी कोई भनक नहीं लगी।

मनोज बताते हैं उसने उनसे कहा था कि अगस्त-सितंबर माह में उसकी शादी होने वाली है और एक महीने की छुट्टी पर वह घर जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि उसने किस लड़की से निकाह किया। डा. आदिल ने अस्पताल के कुछ ही लोगों को अपनी शादी के कार्ड दिए थे और दो-तीन लोग उसकी शादी में गए भी थे।

मनोज ने 24 अक्टूबर को डा. आदिल अहमद के मोबाइल फोन पर संपर्क किया लेकिन उसका फोन बंद था। उन्होंने उसके वाट्सअप पर मैसेज भी किया था जिसका कोई जवाब नहीं मिला। फिर उन्हें अचानक पता चला कि एक नवंबर को डा. आदिल अस्पताल में आ गया है लेकिन उनकी उनसे मुलाकात नहीं हुई। फिर उसने अपनी मां की बीमारी की बात कर अस्पताल से चंडीगढ़ जाने के लिए छुट्टी मांगी थी।

डा. आदिल को नौकरी पर रखते समय उसकी पहचान की पुष्टि के बारे में मनोज कहते हैं कि उन्होंने उसका पता, आधार, मेडिकल सार्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन, आयुष्मान कार्ड आदि देखे थे और चूंकि वह पहले से ही यहां एक प्रमुख अस्पताल में कार्यरत थे इसलिए उन्होंने उन्हें अपने यहां सेवा में रख लिया। कश्मीरियों के मामले में कानून और नियम यह है कि ऐसे लोगों के पास डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्रमाणित डोमेसाइल सार्टिफिकेट अवश्य होना चाहिए।

डा. आदिल गिरफ्तारी के वक्त यह अनुमान नहीं था कि उसके मंसूबे क्या हैं तथा वह अपने नेटवर्क में देशभर के कितने लोगों खासकर डॉक्टरों को जोड़ चुका है। उसकी पत्नी के बारे में भी तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। बताया जाता है कि वह कैथोलिक ईसाई है और उसने उसे भी अपने प्रेमजाल में फंसाया हुआ था।

फैमस मेडिकेयर के एमडी मनोज ने अस्पताल में कार्यरत डा. असलम जैदी और डा. बिलाल को जबरन छुट्टी पर भेज दिया। उन्होंने दोनों चिकित्सकों को सख्त हिदायत दी है कि वे शहर नहीं छोड़ेंगे और पुलिस और खुफिया एजेंसियों को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेंगे और उन्हें सहयोग करेंगे।

जानकारी के मुताबिक कश्मीर पुलिस ने डा. आदिल के जीएमसी अनंतनाग स्थित ठिकानों से एके-47 राइफल और अन्य आपत्तिजनक चीजें बरामद की हैं। जांच में उसका संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैस-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत हुल हिंद (एजीयूएच) से है।

यह भी बात सामने आई है कि डा. आदिल से पूछताछ के बाद वहां की पुलिस ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस के साथ मिलकर उसके संपर्क के लोगों और ठिकानों पर छापेमारी कर दो डाक्टरों समेत सात लोगों की गिरफ्तारी की है। इनमें एक महिला डाक्टर शाहिना शाहिद भी है जो गिरफ्तार एक अन्य डाक्टर मुजम्मिल की प्रेमिका है।

इस महिला के बारे में पुलिस का कहना है कि डा. शाहिना को भारत में जैस-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस संगठन की अगुवाई मसूद अजहर की बहन शादिया अजहर कर रही हैं। इनके पति युसूफ अजहर भारत के गंधार हाईजैक मामले में प्रमुख मास्टर माईंड था।

किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि सहारनपुर से सात नवंबर को डा. आदिल अहमद गिरफ्तारी के तीन दिन बाद 10 नवंबर को आतंकियों द्वारा दिल्ली को दहलाने की खौफनाक करतूत को अंजाम दिया जाएगा। फिलहाल उत्तर प्रदेश एटीएस इस मामले में पूरी शिद्दत के साथ कार्रवाई में लगी है और पूरे यूपी में पुलिस और खुफिया एजेंसियां ‘हाई-अलर्ट’ पर हैं।