नई दिल्ली। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ती अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को घोषणा किया कि राहुल गांधी सहित पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के साथ सामूहिक चर्चा करेगा।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मई 2023 में कांग्रेस की जीत के बाद से चल रहा आंतरिक सत्ता संघर्ष 20 नवंबर को राज्य सरकार के पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने के बाद और तेज हो गया। यह अटकलें सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच 2.5 साल में मुख्यमंत्री बदलने से जुड़े एक कथित सत्ता-साझाकरण समझौते से और तेज हो गई हैं।
बेंगलूरु में पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय पार्टी हाईकमान द्वारा भ्रम को समाप्त करने के लिए सामूहिक रूप से लिया जाएगा।खड़गे ने कहा कि मैं सबको बुलाकर चर्चा करूंगा। राहुल गांधी भी उस चर्चा में मौजूद रहेंगे। अन्य सदस्य भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। सभी के साथ चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। एक टीम है। मैं अकेला नहीं हूं। पूरी आलाकमान टीम चर्चा करेगी और निर्णय लेगी।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों को इन परामर्शों के लिए जल्द ही दिल्ली बुलाया जाएगा तथा कुछ रिपोर्टों में 29 नवंबर तक बैठक होने का सुझाव दिया गया है।
यह विवाद 2023 में मुख्यमंत्री पद साझा करने के लिए हुए एक कथित गुप्त समझौते से उपजा है, जिसके बारे में शिवकुमार के वफादारों का कहना है कि अब इस समझौते पर अमल होना बाकी है। इससे पहले आज शिवकुमार ने सोशल मीडिया पर एक रहस्यमयी पोस्ट शेयर किया जिसमें वादों का ज़िक्र था कि वाक शक्ति ही विश्व शक्ति है… हर किसी को अपनी बात पर अमल करना होगा।
हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अटकलों को लगातार खारिज किया है और गुरुवार को कहा कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करूंगा और इन अटकलों को मीडिया द्वारा गढ़ा गया बताया। उप-मुख्यमंत्री शिवकुमार ने भी सार्वजनिक रूप से आलाकमान के प्रति अपनी वफ़ादारी दोहराई है और कहा है कि वे सिद्धारमैया के साथ खड़े रहेंगे।
मुख्यमंत्री के निवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद इस विवाद को वोक्कालिगा बनाम अहिंदा राजनीतिक टकराव के रूप में फिर से पेश किया गया है ताकि वोक्कालिगा मुख्यमंत्री की कहानी का मुकाबला किया जा सके, एक समुदाय जिसने सार्वजनिक रूप से शिवकुमार का समर्थन किया है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कथित रूप से एक दिसंबर को शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कर्नाटक नेतृत्व पर अंतिम फैसला लेने का लक्ष्य बना रहा है।



