भारत मंडपम में में शिवकालीन शस्त्र और वंदे मातरम् प्रदर्शनी का उद्घाटन

ऐतिहासिक शस्त्र प्रदर्शनी देखकर पूर्वजों के प्रति सम्मान और जीवन को नई दिशा मिलेगी : स्वामी दीपांकर
नई दिल्ली। दिल्ली के भारत मंडपम में सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत और सनातन संस्था द्वारा आयोजित भव्य सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव के अंतर्गत लगाई गई ऐतिहासिक प्रदर्शनी स्वराज का शौर्यनाद का शुभारंभ दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा के हाथों हुआ। प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर अत्यंत प्रभावित होते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी देख रोमांच उत्पन्न हो उठा। इससे हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान की भावना और जीवन के लिए नई प्रेरणा प्राप्त होती है। हर व्यक्ति को इसे अवश्य देखना चाहिए।

दिल्ली के इतिहास में मुगलों का नहीं, मराठों, सिखों और जाटों का बड़ा योगदान रहा है : कपिल मिश्रा

उद्घाटन अवसर पर मिश्रा ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में मुगलों का योगदान बहुत कम था, जबकि मराठों, सिखों और जाटों का अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इतिहास में सच्चाई यह है कि मुगल लाल किले से मराठों की अनुमति के बिना एक कदम भी बाहर नहीं रख सकते थे। जब अंग्रेजों ने दिल्ली पर अधिकार किया, तो उन्होंने इसे मुगलों से नहीं, बल्कि मराठों से लिया। दिल्ली में भारतीय शस्त्र परंपरा का भव्य संग्रहालय स्थापित होगा

शिवकालीन शस्त्रों के संग्राहक राकेश धावड़े ने मांग की कि भारत में इन शस्त्रों का स्थायी संग्रहालय स्थापित किया जाए। इस पर संस्कृति मंत्री मिश्रा ने आश्वासन दिया कि दिल्ली के मध्य में भारतीय शस्त्र परंपरा और पारंपरिक शस्त्रों का एक भव्य संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।

वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष प्रदर्शनी

वंदे मातरम् गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इस क्रांतिकारी गीत की उत्पत्ति, संघर्ष और स्वतंत्रता आंदोलन में इसकी भूमिका पर प्रदर्शनी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी राष्ट्रभक्ति, त्याग और प्रेरणा के अनेक प्रसंगों को उजागर करती है। इस अवसर पर लेखिका सौ. शेफाली वैद्य, सनातन संस्था के संस्थापक परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले की आत्मिक उत्तराधिकारी सत् शक्ति बिंदा सिंगबाल एवं चित् शक्ति अंजली गाडगील, सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं भारत के पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहूरकर सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। सनातन संस्था ने दिल्लीवासियों से आवाहन किया कि वे भारत मंडपम के हॉल क्रमांक 12 में लगी इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी को अवश्य देखें।