अजमेर। भारतीय सिन्धु सभा की ओर से देश में सिन्धी भाषा के विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए संगठित प्रयास किए जा रहे हैं भारत सरकार सिन्धी विषय लेकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिय विश्वविद्यालय के माध्यम से मातृभाषा के कोर्स, शोध कार्य सहित रोजगार के कोर्स प्रारम्भ करे जिससे सिन्धी भाषा, सभ्यता व संस्कृति संर्वद्धन में सफलता मिले। ऐसे विचार सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी में प्रकट किए।
तीर्थाणी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति के तहत संगठन की ओर से सिन्धी मातृभाषा से विद्यार्थियों को जोडने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के तत्वाधान में रंग ए सिंध कार्यक्रम फर्स्ट स्टेप स्कूल,पंचशील में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने सिंधी लाडा, भजन, गीतों पर रंगारंग प्रस्तुति दी। आराध्यदेव झूलेलाल की अराधना करते हुए कार्यक्रम के अतिथिगण ने पूजन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कमला गोखलाणी ने करते हुए सिंधी भजन को सुंदर रूप से प्रस्तुत किया, कार्यक्रम में पूज्य सिन्धी पंचायत अध्यक्ष राधाकिशन आहूजा, राजकीय महाविद्यालय सिंधी विभाग प्रमुख सीपी दादलाणी, झूलेलाल मन्दिर के अध्यक्ष प्रकाश जेठरा, जयप्रकाश मंघाणी सहित सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रम संयोजक अंजलि हरवाणी के अनुसार कार्यक्रम में सभी ने सिंध को याद करते हुए कार्यक्रम का गौरव प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के पश्चात सभी के लिए सिंधी व्यंजनों की व्यवस्था की गई।



