लखनऊ। लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में लव जिहाद का मामला सामने आने के बाद कार्रवाई को लेकर बढ़ते दबाव के बीच प्रशासन ने आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया है साथ ही मामले में आगे की जांच के लिए विशाखा कमेटी का गठन कर है। वहीं पूरे मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि प्रकरण गम्भीर है। सरकार ने जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आरोप है कि केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर रमीज उद्दीन नायक उर्फ रमीज मलिक ने अपना धर्म व शादी की सच्चाई छिपाकर एक हिंदू महिला रेजिडेंट डॉक्टर को प्रेम जाल में फंसाया। आरोपी डॉक्टर केजीएमयू में पैथोलॉजी विभाग में सेकंड ईयर का जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर है। घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
केजीएमयू के मीडिया प्रभारी प्रो. केके सिंह ने बताया कि आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है। वही संस्थान की तरफ से आरोपी डॉक्टर को जारी नोटिस कहा गया है कि पैथोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉ. रमीज़ उद्दीन नायक के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक शिकायत प्राप्त हुई है। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत गठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ की आंतरिक समिति ने शिकायत का संज्ञान लिया है।
नोटिस में लिखा है कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, समिति का मत है कि जांच लंबित रहने के दौरान उक्त रेजिडेंट का ड्यूटी पर बने रहना निष्पक्ष और तटस्थ जांच को प्रभावित कर सकता है। इसलिए कुलपति की स्वीकृति से जांच पूरी होने तक पैथोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉ. रमीज़ उद्दीन नायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
गौरतलब है कि पीड़ित डॉक्टर केजीएमयू से एमडी पैथालॉजी कर रही है। जबकि आरोपी डॉक्टर उसका सीनियर है। 17 दिसंबर को पीड़िता ने कमरे में दवा की ओवरडोज लेकर आत्महत्या का प्रयास किया था। उसे इलाज के लिए केजीएमयू आईसीयू में भर्ती कराया गया। जब पीड़िता का परिवार वहां पहुंचा तो पूरा मामला सामने आया। आरोप है कि उसने प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया।



