एनआईए अदालत ने दिया ‘भगोड़े’ ग़ुलाम नबी शाह की संपत्ति कुर्क करने का आदेश

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बडगाम जिले की एक अदालत ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत भगौड़े घोषित किये जा चुके गुलाम नबी शाह उर्फ डॉ फ़ई की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।

अभियोजन पक्ष ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 83 (अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 85) के तहत फई की संपत्ति इस आधार पर कुर्क करने की मांग की थी कि अदालत ने अप्रैल में उसे प्राथमिकी संख्या 46/2020 के संबंध में भगोड़ा घोषित किया था। फ़ई के ऊपर यूएपीए की धारा 10, 13 और 39 के तहत मामला चल रहा था।

अभियोजन पक्ष ने फई की निजी संपत्ति कुर्क करने की मांग की है जिसमें बडगाम जिले के वडवान गांव में एक कनाल और दो मरला और चट्टाबुघ गांव में 11 मरला ज़मीन शामिल है।

विशेष न्यायाधीश (एनआईए) बडगाम याहया फिरदौस ने आदेश में कहा कि यह अदालत रिकॉर्ड से संतुष्ट है कि आरोपी को जांच अधिकारी के सामने पेश होने का मौका दिये जाने के बावजूद उसने जानबूझकर खुद को छिपाया है, इसलिए यह अदालत सीआरपीसी की धारा 83 के तहत संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी करने के लिये मजबूर है।

आदेश में लिखा गया कि यह अदालत जिला कलेक्टर बडगाम को गांव वडवान में खेवट नंबर 60, सर्वे नंबर 466 के तहत एक कनाल और दो मरला ज़मीन एवं गांव चट्टाबुघ में खेवट नंबर 136 सर्वे नंबर 343 के तहत 11 मरला ज़मीन की अचल प्रॉपर्टी कुर्क करने और तुरंत कब्ज़ा लेने का निर्देश देता है।

अदालत ने कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने से पहले बडगाम के जिला कलेक्टर को संबंधित संपत्ति की सही पहचान और सीमांकन के लिए राजस्व अधिकारियों से मदद लेने का निर्देश दिया। अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), बडगाम को आदेश दिया कि अगर ज़रूरत हो तो कुर्की प्रक्रिया के दौरान जिला कलेक्टर को ज़रूरी मदद दी जाए।

फ़ई लंबे समय से कश्मीर में अलगाववादी नेताओं से जुड़ा रहा है। वह 1977 में पढ़ाई के लिए अमरीका चला गया और बाद में अमरीकी नागरिकता ले ली। फ़ई वर्ल्ड फ़ोरम फ़ॉर पीस एंड जस्टिस का चेयरमैन है।