अलवर की महिला को डिजिटल अरेस्ट कर सवा करोड़ रुपए ठगे

अलवर। राजस्थान में अलवर शहर में एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके करीब सवा करोड़ रुपए ठगने का मामला सामने आया है।

साइबर थाना प्रभारी राजकुमार मीणा ने बुधवार को बताया कि यहां की निवासी रीटा ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि 15 दिसम्बर को दोपहर करीब तीन बजे मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस का जन सम्पर्क अधिकारी बताते हुए अपना नाम संदीप बताया।

ठग ने कहा कि महिला के नाम से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से अन्य लोगों को धमकी भरे कॉल किए जा रहे हैं। ठग ने उसे कहीं नहीं निकलने की चेतावनी दी। उसने वाट्स एप पर गिरफ्तारी का वारंट भी भेजा। इससे महिला बुरी तरह डर गयी। उन्होंने बताया कि इसके बाद महिला को अलग तरह से डरा धमकाकर ठग ने 16 से 21 दिसम्बर तक करीब सवा करोड़ रुपए ठग लिए।

मीणा ने बताया कि इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई और तुरंत ही विभिन्न खातों में ट्रांस्फर की गई राशि में से 55 लाख रुपए रुकवा दिए। पुलिस ने जांच में पाया की ठगी की रकम ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कई कंपनियों के एक्सिस बैंक के खाते में ट्रांसफर कराई गई है। उन्होंने बताया कि अपराधियों के ऑनलाइन ठिकाने की जानकारी मिल गई है। उन्हें शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

यू-ट्यूबर बनने के गुर सीखने के लिए बालक बेंगलूर से अलवर पहुंचा

यू-ट्यूबर बनने की चाहत में 15 वर्षीय किशोर कर्नाटक के बेंगलूर से राजस्थान में अलवर पहुंच गया, जहां पुलिस ने उसे अपने संरक्षण में लेकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बेंगलूरु के जीटी विद्या मंदिर में कक्षा दसवीं पढ़ने वाले आश्विक यू ट्यूबर बनना चाहत था। इसके लिये वह 10 वर्ष की उम्र से मम्मी पापा के मोबाइल से यू-ट्यूबर बनने की जानकारी हासिल करता रहा। उसे हिन्दी नहीं आती थी। उसके राज्य में हिन्दी का प्रचलन ही नहीं है, लिहाजा उसने हिन्दी भाषा यू-ट्यूब के माध्यम से सीखी। अब वह हिन्दी भी अच्छा बोल लेता है। वह बालक चार भाषाओं को जानता है।

वह हिंदी का बड़ा यू-टयूबर बनना चाहता था। एक यू-ट्यूब चैनल पर उसने किसी अमिता शर्मा से बात की। उससे गुर सीखने के लिए वह घर पर बताए बिना रेलगाड़ी से बेंगलोर से राजस्थान में कोटपुतली के समीप बानसूर के गिरुडी में अमित शर्मा नाम के यू-ट्यूबर से मिलने के लिए रवाना हो गया।

वह अलवर पहुंचा तो बस स्टैंड पर संदेह के आधार रोडवेज बस कंट्रोल रूम के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचित कर दिया। उस बालक को सदर पुलिस थाना प्रभारी अजीत बड़सरा के पास सुपर्द कर दिया गया। पुलिस ने उसके परिजन को सूचित किया और मंगलवार की शाम को उसके परिजन और बेंगलूरु पुलिस के अधिकारी अलवर सदर पुलिस थाने पहुंच गये। इसके बाद उसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया।

उस बालक ने बताया कि उसके पिता टेलीकॉम कंपनी में इंजीनियर है और दुर्घटना होने पर पैरों में परेशानी होने के कारण दो वर्ष तक उन्होंने वर्क फ्रॉम होम किया जिससे उनकी सेलरी कंपनी द्वारा कम कर दी गई। ऐसे में घर का खर्चा चलाने के लिए उसने यू-ट्यूबर बनने का फैसला किया।