आबूरोड भाजपा कांग्रेस के लिए क्यों करती है ये दुआ, ‘दो नैना मत खाइयो’

आबूरोड में कांग्रेस के संरक्षण में पनपने वाला भाजपा वाला मॉडल।

सबगुरु न्यूज आबूरोड। बाबा फरीद का एक दोहा बहुत ही प्रसिद्ध है…

कागा सब तन खाइयो, मेरा चुन चुन खाइयो मांस

दो नैना मत खाइयो, मोहे पिया मिलन की आस।

फिलहाल आबूरोड भाजपा इसे आबूरोड के कांग्रेस नेताओं के लिये कुछ इस तरह से बदल चुकी है कि

कागा सब तन खाइयो, इनका चुन चुन खाइयो मांस

कांग्रेसियों के नैना मत खाइयो, मोहे है तारीफ की आस।

और हो भी क्यों ना। भाजपा के प्रति जितना सौहार्द देश में आबूरोड नगर कांग्रेस के पदाधिकारी और कांग्रेस पार्षद दिखा रहे हैं। उतना शायद ही देश में कहीं दिख पाए। और सबसे ज्यादा आश्चर्य ये कि प्रदेश और जिला स्तरीय नेता आबूरोड में भाजपा के अवगुणों में गुण देखने वाले कांग्रेस के इस नेतृत्व को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। ये वो कांग्रेस है जिसे पिछले दस साल में यहां की भाजपा की स्थानीय सरकार में कोई अवगुण नजर नहीं आया।

– घर-घर जाकर भाजपा की उपलब्धि बखान का आह्वान

कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व रोज भाजपा की नीतियों और कार्यप्रणाली में छिपी जन विरोधी नीयत को उजागर कर रहा है। जिला स्तरीय नेतृत्व भाजपा की जिले की ही नहीं बल्कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर की विफलता पर भी लगातार सवाल कर रहा है। बस ये काम नहीं कर रही है तो कांग्रेस का आबूरोड ब्लॉक और नगर मंडल।

आबूरोड शहर में भाजपा के साथ कांग्रेस नेताओं सौहार्द का आलम ये है कि शहरी सेवा शिविर की बैठक में कांग्रेस नगर मंडल के नेता और पार्षद भाजपा नेताओं के साथ मिलकर ये अपील कर रहे हैं कि भजनलाल सरकार का शहरी सेवा शिविर बेहतर मौका है। और सभी पार्षद शहर के घर घर जाकर लोगों को इससे लाभान्वित करें। नगर निकाय चुनाव करीब होने के कारण जिन नेताओं से कांग्रेस के राष्ट्रीय, राज्य और जिला  नेतृत्व ने घर घर जाकर सत्ताधारी पार्टी की खामियों से लोगों को अवगत करवाने की जवाबदेही सौंपी है। कांग्रेस के वो नेता घर घर जाकर सत्ताधारी पार्टी की उपलब्धि सबको बताने का आह्वान करने की अपील अपने ही पार्टी के नेताओं से कर रहे हैं। राहुल गांधी इन जैसे नेताओं के भरोसे कांग्रेस की नैया पार करवाने की आशा संजोए हुए हैं।

– मंत्री तक को नजर आ गई खामी

जिला मुख्यालय पर गुरुवार को दिशा की बैठक हुई थी। इसमें राजस्थान सरकार के पंचायत राज मंत्री को ग्रामीण सेवा शिविर में खामियां नजर आ गई। माउंट के नगर मंडल अध्यक्ष और पार्षद को शिविर से पहले ही इसके 69 के पट्टों के कायदों में खामियां नजर आ गई। माउंट आबू के नगर मंडल अध्यक्ष नारायणसिंह ने तो शिविर से पहले माउंट आबू के 69 ए के पट्टों को लेकर खामियां और शिविर के दौरान सीवर लाइन से भरे पानी की खामी उजागर कर दी।

सिरोही कांग्रेस को वहां के ग्रामीण और शहरी शिविर में खामियां नजर आ गई। सिरोही शहर कांग्रेस के नेताओं को भी शिविर के दौरान बदहाल व्यवस्था और शिविर से नदारद अधिकारी वो कार्मिक दिख गए। लेकिन, भगवान ने आबूरोड नगर मंडल कांग्रेस और आबूरोड कांग्रेस पार्षदों को ऐसे नैन दिया हैं कि इन्हें भाजपा बोर्ड और इसकी कार्यप्रणाली में कोई खामी ही नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि आबूरोड भाजपा बाबा फरीद की तरह आबूरोड के कांग्रेस नगर मंडल और कांग्रेस के पार्षदों की इन विकार विहीन सज्जन आंखों के प्रति अपनी दुआओं का खजाना लुटा रहा है।

– मोतियाबिंद या इन्फेक्शन !

शहरी सेवा शिविर के पहले दिन ही अधिकारी समय पर नहीं आने की शिकायत आबूरोड के दूर कोने तक थी। लेकिन, आबूरोड नगर कांग्रेस के आंखों को नजर नहीं आया। तिरंगा यात्रा में जिले भर के अधिकारी रैलियां निकाल रहे थे यहां के अधिकारी गायब थे, ये दृश्य आबूरोड कांग्रेस ने नेताओं की आंखों में नहीं आया।

अनुमति नहीं लेनी पड़े इसके लिए प्रोक्योरमेंट एक्ट के विपरीत एक ही नेचर के कामों के टुकड़ों में टेंडर जारी करने की सबसे बड़ी वित्तीय अनियमितता होती रही आबूरोड कांग्रेस को नजर नहीं आया। सड़क पीडब्ल्यूडी की और उस पर बिलो स्टेंडर्ट ब्लॉक लगाने का काम नगर पालिका कर रही है, लेकिन आबूरोड नगर कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष के साथ पार्षदों को इसमें कोई हर्ज नही दिखा।

नजरों के सामने से भाजपा के इतने सारे अवगुण के निकल जाने के बाद भी आबूरोड नगर कांग्रेस और आबूरोड कांग्रेस पार्षदों की नजर नहीं पड़ने की संभवतः ये ही वजह हो सकती है कि आबूरोड नगर कांग्रेस भाजपा की भक्ति में पूर्णरूप से लीन हो चुकी है। क्योंकि शास्त्रानुसार भक्त को अपने इष्ट की कोई कमी कभी नजर नहीं आती।

या फिर आबूरोड कांग्रेस को मोतियाबिंद हो चुका है। या फिर अनियमितता को मूक सहमति देने का इन्फेक्शन लग गया है। तीनों हो सूरत में आबूरोड का कांग्रेस नेतृत्व का रवैया इन नेताओं के व्यक्तिगत हित के लिए तो फायदेमंद हो सकता है लेकिन जनहित और पार्टी हित के लिए नहीं। आबूरोड की जनता ने इस तरह के नेतृत्व की वजह से आबूरोड शहर में दस साल से कांग्रेस को नकारे हुए रखा है।