अधीक्षण अभियंता के ठिकानों की तलाशी में करोड़ों के आवासीय भूखंड, फार्म हाउस एवं लाखों के आभूषण मिले

जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग प्रोजेक्ट वृत्त बांसवाडा के अधीक्षण अभियन्ता अशोक कुमार जांगिड़ के जयपुर शहर सहित विभिन्न ठिकानों पर आय से अधिक परिसम्पत्तियां अर्जित करने के मामले में रविवार को चलाए गए तलाशी अभियान में करीब चार करोड रूपए की माईनिंग मशीनरी, करोड़ों रूपये की 55 आवासीय भूखण्ड, माईनिंग लीज, कृषि भूमि, दुकाने एवं फार्म हाउस वगैरा परिसम्पत्तियां, पावटा में निर्माणाधीन शॉपिंग मॉल एवं तीन मंजिला व्यवसायिक परिसर, जयपुर में दो व्यवसायिक परिसर, पावटा में 40 बीघा में दो फार्म हाउस मिले तथा करीब 35 लाख रूपए के सोने चांदी के आभूषण एवं लगभग दो लाख रूपए की नगदी मिली।

एसीबी के महानिदेशक डा रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की विभिन्न टीमों द्वारा जयपुर, पावटा, उदयपुर, अजमेर, मालपुरा एवं बांसवाडा में आज अल सुबह कार्यवाही करते हुए जांगिड के विरूद्ध दर्ज आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में आरोपी के 13 विभिन्न ठिकानों पर छापा मारकर तलाशी अभियान चलाया गया एवं राज्य के छह विभिन्न खनिज कार्यालय एवं उपपंजियक कार्यालय से रिकॉर्ड प्राप्त किया गया।

डा मेहरड़ा ने बताया कि सूचना मिली थी कि जांगिड द्वारा भ्रष्टाचार से अपने एवं अपने परिजनों के नाम से अपनी वैध आय से आनुपातिक रूप से अधिक चल-अचल सम्पत्तियों अर्जित की गई है. जिनकी अनुमानित खरीद कीमत करोड़ों रुपए से अधिक है। उल्लेखनीय है कि आरोपी अशोक कुमार जांगिड अधीक्षण अभियन्ता बांसवाडा स्थानान्तरण से पूर्व लम्बे समय तक रूडसिको एवं आरयूडीआईपी जयपुर में महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस अधिकारी द्वारा कानून से बेखौफ होकर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की पुष्टि हुई, जिस पर ओपरेशन बेखौफ चलाया जाकर विस्तृत रूप से तथ्य संकलित किए गए एवं तथ्यों की पुष्टि होने पर करीब 11 करोड़ 52 लाख 70 हजार 848 रूपए (161 प्रतिशत) की परिसम्पतियां वैध आय से अधिक अर्जित का मामला बनना पाये जाने पर प्रकरण दर्ज किया गया और एसीबी की विभिन्न टीमों के करीब 250 एसीबी के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने एक साथ अलसुबह आरोपी के जयपुर, पावटा, उदयपुर, अजमेर, मालपुरा एवं बांसवाडा स्थित 13 विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई एवं राज्य के विभिन्न खनिज कार्यालय व उप पंजियक कार्यालय से रिकॉर्ड प्राप्त किया गया।

उन्होंने बताया कि आरोपी द्वारा स्वयं के नाम 19 परिसम्पत्तियां, पत्नी सुनिता शर्मा के नाम तीन परिसम्पत्तियां, पुत्र निखिल जांगिड के नाम 33 परिसम्पत्तियां जयपुर शहर, पावटा कोटपूतली, श्रीमाधोपुर, मौजमाबाद, उदयपुर, अजमेर, मालपुरा टोक, मोहनगढ़ जैसलमेर में करीब 19 महत्वपूर्ण स्थानों पर 55 अचल परिसम्पत्तियां कय करने, निमार्ण एवं निवेश में करोडो रूपए व्यय करने के दस्तावेज मिले।

आरोपी द्वारा स्वयं के नाम जयपुर एवं पावटा में मकान, निर्माणाधीन शॉपिंग मॉल, तीन मंजिला व्यवसायिक परिसर, कैमरिया पावटा में फार्महाउस, पत्नी के नाम जयपुर में बनीपार्क, बिन्दायका में व्यवसायिक दुकान, पुत्र के नाम उदयपुर, मालपुरा, अजमेर व बुचारा पावटा में पांच खनिज लीज व श्रीमाधोपुर में कॉमर्सियल भूमि खनिज व ग्राइन्डिग उद्योग प्रयोजनार्थ खरीद करने एवं निवेश करने में करोड़ों रूपए व्यय करने के दस्तावेज मिले।

आरोपी के पुत्र के नाम उदयपुर, मालपुरा, अजमेर व बुचारा पावटा में स्थित खनिज लीजों में कशर, पोकलेन मशीन, एलएण्डटी मशीन, आईआर ब्लास्टिंग मशीन, डम्पर आदि एवं खनिज संचालन में करोडों रूपए व्यय करने के दस्तावेज मिले। संदिग्ध अधिकारी के जयपुर स्थित आवास की तलाशी में करीब 35 लाख रूपए के सोने चांदी के आभूषण मिले, जिनमें हाल में खरीदे करीब 20 लाख रूपए की ज्वैलरी खरीद करने के बिल बाउचर भी मिले एवं करीब दो लाख रूपए की नगदी मिली।

संदिग्ध अधिकारी एवं परिवारजनों के 22 बैंक खातों में करीब 21 लाख रूपए मिले। इसके अतिरिक्त आरोपी के बच्चों की शिक्षा-संस्कार स्कूल, नीरजा मोदी स्कूल जयपुर, मणीपाल यूनिवर्सिटी जयपुर, बिट्स शिक्षण संस्थान पिलानी की फीस में करीब 30 लाख रूपए व्यय करने के दस्तावेज, आरोपी के पुत्र की शादी में करीब 30 लाख रूपए व्यय करने के दस्तावेज, अनेक बीमा पॉलिसियों में निवेश, दो बैंक लॉकर भी मिले हैं। बैंक लॉकरों की तलाशी लिया जाना शेष है।

ब्यूरो के प्राथमिक आकलन, प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अब तक तलाशी में मिले दस्तावेजों के अनुसार आरोपी अशोक कुमार जांगिड द्वारा अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा करोड़ों रुपए की खरीद कीमत की अनेक चल-अचल परिसम्पत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से आनुपातिक रूप से बहुत अधिक है इसके अतिरिक्त आरोपी एवं उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश के साक्ष्य मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जाएगी।