सैन्य कर्मचारियों की विकलांगता पेंशन : वर्कमेन कम्पनसेशन एक्ट के प्रावधानों पर चर्चा

जयपुर। अधिवक्ता परिषद् राजस्थान जयपुर प्रांत की एएफटी इकाई जयपुर के तत्वावधान में बुधवार को आयोजित स्टडी सर्कल में सैन्य कर्मचारियों को विकलांगता पेंशन से सम्बंधित विषय पर गहन चर्चा की गई।

प्रमुख वक्ता अधिवक्ता प्यारेलाल ने अपने संबोधन में विशेष रूप से बताया कि वर्कमेन कम्पनसेशन एक्ट का प्रावधान विकलांगता की गिनती और मुआवजे की गणना के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे अधिवक्ता अपने पक्ष को मजबूती से रखने हेतु संबद्ध मामलों में अवश्य प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी की विकलांगता का निर्धारण केवल अधिसूचित प्रतिशतों तक सीमित ना रहकर उसकी वास्तविक कार्यक्षमता हानि को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए, जैसे कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हालिया निर्णयों में व्याख्या दी है।

प्यारेलाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वकीलों को चाहिए कि वे क्लाइंट के मामले की अध्ययन पूर्वक तैयारी करें और सम्बंधित अधिनियमों की धाराओं के आधार पर सधा हुआ पक्ष रखें ताकि पीड़ित को शीघ्र और उचित राहत मिल सके। विकलांगता के दावे में कार्यक्षमता, आय हानि, और भविष्य के जीवन पर प्रभाव जैसे पहलुओं को पेश करना जरूरी बताया।

बैठक में ओआईसी लीगल सेल मेजर विशी सिंह, अंजली मिनोचा, अरुण मित्तल, रामेश्वर, सुनील, अनिल भारद्वाज, गजेन्द्र शर्मा, जितेंद्र सिंह बिजावत, मनीष शर्मा, भंवर सिंह राठौड़, बृजेश शर्मा, बृजेश डीके चौधरी, अभिषेक सिंह (प्रांत महामंत्री) सहित अन्य अधिवक्ता भी उपस्थित रहे। सभी ने विषय को लेकर अपने विचार साझा किए तथा अपने व्यवहारिक अनुभवों पर चर्चा की गई।