उदयपुर। राजस्थान के कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा का उर्वरकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए छापेमारी एवं निरीक्षण जारी हैं और अजमेर गंगानगर और जयपुर के बाद गुरुवार को उन्होंने उदयपुर में अचानक करीब 10 सिंगल सुपर फास्फेट बनाने वाली बड़ी कंपनियों पर छापेमारी की और निरीक्षण किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार डा मीणा ने पटेल फास्पोचेम लिमिडेट, रामा फास्फेट्स लिमिटेड, प्रेम सखी फर्टिलाइजर, इंडियन फास्फेट लिमिटेड, खीचा फास्पोचेम लिमिटेड, अधिशा फास्फेट लिमिटेड, भूमि फास्फेट लिमिटेड एवं साधना फास्फेट एंड केमिकल लिमिटेड में छापेमारी कर उर्वरकों की जांच की और देवारी रेलवे ट्रेक पर बाहर जा रहे उर्वरकों के थेलों की जांचकर नमूने लिए गए।
निरीक्षण के दौरान कई कंपनियों में मूल रो मटेरियल और तैयार उर्वरकों के स्टोक का मिलान नहीं हुआ। कंपनियों द्वारा कम नमूने देने, कट्टों पर स्पष्ट लेबल की सूचनाओं एवं बैच नंबर आदि अंकित नहीं करने, सही तरीके से स्टॉक रजिस्टरों को संधारण न करने, विनिर्माण इकाइयों एवं प्रक्षेत्र में आहरित किए गए नमूनों की विश्लेषण रिपोर्ट में अंतर आने आदि कई प्रकार की कमियों को देखकर डा मीणा ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कंपनी मालिकों से इसे तुरंत प्रभाव से ठीक करने के निर्देश दिए।
उनके निर्देश पर सभी कंपनियों में बनाए जा रहे सभी प्रकार के उर्वरकों के प्रत्येक बैच का नमूना लिया गया। इन्हें तत्काल प्रयोगशाला से जांच करवाकर अमानक पाए जाने पर ऐसे कंपनी मालिकों पर केन्द्र सरकार के उर्वरक नियंत्रण कानून 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करने की निर्देश दिए।
उन्होंने सिंगल सुपर फास्फेट बनाने वाली कंपनी मालिकों को निर्देशित किया कि उत्तम गुणवत्ता के रॉ मटेरियल से ही उत्तम गुणवत्ता का सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक बनाया जा सकता है इसलिए सभी कंपनियां भविष्य में यह सुनिश्चित करें कि वह अपना रॉ मैटेरियल किसी सरकारी या प्रतिष्ठित संस्था से ही क्रय करें।