वातानुकूलित कमरों में बैठकर पसीना बहा रहे भाजपा और कांग्रेस नेता

अजमेर। चैत्र माह में ही ज्येष्ठ की तपीश के बीच हो रहे लोकसभा चुनाव की जंग में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने सुविधा संपन्न चुनाव कार्यालय खोले हैं। भाजपा ने जहां लाखों रुपए किराए वाले सिविल लाइन में सौमांग्ल्य होटल को वहीं कांग्रेस ने राजहंस वाटिका को चुनाव समापन होने तक के लिए बुक किया हुआ है।

दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के ​रणनीतिकार अपने अपने मुख्य चुनाव कार्यालयों के वातानुकूलित कमरों में बैठ कर जीत के सपने बुनते हुए पसीना बहा रहे हैं। उधर, सूरज की बढती तपीश के बीच मतदाताओं को रिझाने के लिए पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की फौज को चुनावी समर में झोंक दिया गया है। भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी जीत का ख्वाब संजोए अलसुुबह से लेकर देर रात तक जनसंपर्क कर रहे हैं।

भाजपा व कांग्रेस ने की भोजन प्रसादी की सुविधा

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही के मुख्य चुनाव कार्यालय में चाय की चुस्की तथा भोजन प्रसादी की सुविधा मुहैया कराई गई है। भरी धूप में कार्यकर्ताओं को भले ही इस सुविधा का लाभ ना मिल रहा हो पर नेता, पदाधिकारी और दूर दराज से आने वाले खास लोगों के लिए ये भंडारे सहज सुलभ है। प्रेस कांफ्रेंस और मीडिया बंधुओं को भी खान पान कराकर मिजाजपुर्सी करने की कवायद भी चुनाव कार्यालय में हो जाती है।

मोदी के भरोसे भागीरथ, रामचंद्र तो खुद ‘राम’

लोकसभा चुनाव में पहली बार दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी स्थानीय तथा एक ही जाति के होने से मुकाबला टक्कर का होना माना जा रहा हैं। भागीरथ चौधरी वर्तमान में बीजेपी से सांसद होते हुए एक बार फिर चुनावी समर में कूदे हैं। हालांकि विधानसभा चुनावों में किशनगढ सीट से हार का दंश उनका पीछा नहीं छोड रहा। बावजूद इसके भागीरथ को मोदी रूपी नाव के भरोसे चुनावी वैतरणी पार लगने का भरोसा है। उधर, जीवन का आखिरी चुनाव लडने वाले कांग्रेस के रामचंद्र चौधरी खुद ‘राम’ बनकर भागीरथ को पटखनी देने को उतावले हैं। अजमेर डेयरी पर एकछत्र राज करने और किसानों के हितैषी की छवि के चलते उन्हें शहरवालों से ज्यादा देहात वालों पर भरोसा है।

अजमेर दक्षिण क्षेत्र में अनिता और द्रोपदी पर दारोमदार

लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस पार्टी के समर्थक अपने अपने उम्मीदवारों के पक्ष में कहने को तो पूरे जोर शोर से जुटे हैं लेकिन फिलहाल वोटों के गुणाभाग के आधार पर जीत का दावा करने का साहस खुले तौर पर दोनों प्रत्याशियों की जुबां पर नहीं आ रहा और ना ही उनके चेहरों पर राजयोग जैसा उत्साह ही झलक रहा। दोनों दलों ने फिलहाल सारी ताकत ग्रामीण क्षेत्रों में झोंकी हुई है। हालांकि अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र में भागीरथ चौधरी का रोड शो और जनसंपर्क कराकर चुनाव प्रचार में शुरुआती बढत दिलवा दी। कांग्रेस की विधानसभा प्रत्याशी रहीं द्रोपदी देवी कोली ने भी रामचंद्र चौधरी की उपस्थिति दर्ज करवाकर कांग्रेस को पिछडने नहीं देने के लिए जोर लगाया हुआ है।

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में अंडर करंट का खौफ

भाजपा प्रत्याशी भागीरथ का रोड शो अजमेर उत्तर में भी हो चुका है लेकिन इस रोड शो में आधे समय स्थानीय विधायक वासुदेव देवनानी नदारद रहे। देवनानी चाह कर भी बीजेपी के भागीरथ रथ नहीं खींच पा रहे। विधानसभा स्पीकर बनने के बाद उनके चारों ओर खिंची लक्ष्मण रेखा ने उनका दायरा सीमित कर दिया है। बागी ज्ञान सारस्वत की अब तक घरवापसी ना होना भी भागीरथ के लिए घाटे का सौदा दिख रहा है। कहीं ऐसा नहीं हो कि अपनों के बीच बिजी रहने वाले भाऊ इस चुनाव में उत्तर से भागीरथ को रामचन्द्र से पटखनी ना दिलवा दे। उधर, कांग्रेस प्रत्याशी रामचन्द्र चौधरी खुद अजमेर उत्तर के निवासी हैं। वे निवर्तमान कार्यकारिणी और कांग्रेस के विधानसभा में हारे प्रत्याशी महेन्द्र सिंह रलावता की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। पार्टी बैठकों में रलावता जरूर दहाडते और कार्यकर्ताओं को नसीहत देते नजर आते हैं पर मैदान में उनका तहलका फिलहाल मचना बाकी है।

अधर झूल में लटकी ओंकारसिंह लखावत की फोटो

भाजपा कार्यालय में होटल के गार्डन में बैठकों और प्रेस वार्ता वाली जगह पर बाकायदा नेताओं के कट आउट और फ्लैक्स लगे हैं। इन्हें करीने से सजाया गया है। बस प्रदेश चुनाव संयोजक एवं आला नेता ओंकारसिंह लखावत की फोटो चुनाव कार्यालय खुलने के पहले दिन से लेकर सोमवार तक एक किनारे पर अधर झूल में टंगी नजर आई। मीडिया ने जब इस नजारे की ओर नजरें इनायत की तो आनन फानन में लखावत की फोटो को ठीक करने को मौके पर मौजूद नेता दौड पडे।

रामचंद्र चौधरी का परिवार भी चुनाव प्रचार में कूदा

कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र के नामांकन भरने के दिन भी उनकी जीवनसंगिनी मूली देवी साथ थीं। अब चौधरी का पूरा परिवार उनके चुनाव प्रचार में जुटा नजर आ रहा है। घर घर जाकर समर्थन मांगा जा रहा है। चौधरी की पत्नी, पुत्री कांता मिर्धा, पुत्रवधु निधि चौधरी, ममता चौधरी ने मार्चा संभाला हुआ है।