नगर निगम अजमेर की नेता प्रतिपक्ष द्रोपदी कोली को फिर अपनों ने घेरा

अजमेर। नगर निगम अजमेर में कांग्रेस की नेता प्रतिपक्ष पार्षद द्रोपदी कोली के खिलाफ एक बार फिर उनकी अपनी पार्टी के पार्षदों ने मनोनीत, निर्दलीय तथा रालोपा के पार्षदों का साथ लेकर मोर्चा खोल दिया है। सभी ने कोली को नेता प्रतिपक्ष से हटाने की मांग करते हुए प्रदेश स्तर पर पार्टी के आलानेताओं को पत्र भेजा है।

कोली के खिलाफ लामबंद पार्षदों ने बताया गया है कि गत 13 अप्रेल को निगम परिसर में कांग्रेस, निर्दलीय तथा मनोनीत पार्षदों ने निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनियमितताओं, फर्जी पट्टा प्रकरणों के खिलाफ एक दिवसीय सामूहिक धरने का आयोजन किया था। धरने के दौरान शहर के हर वार्ड में 25-25 लाख रुपए के विकास कार्य, 25-25 नई लाइटें, सामूदायिक भवनों की मरम्मत आदि के लिए अलग से विकास कार्य करवाने समेत अन्य मुद्दों पर 13 सूत्रीय ज्ञापन पत्र पार्षददल के लैटरपेड पर निगम प्रशासन को दिया गया था।

उक्त धरने में कांग्रेस पार्षद दल की नेता प्रतिपक्ष द्रोपदी कोली मात्र 5 मिनट बैठकर वहां से चलीं गईं व धरना स्थल पर ही मीडिया में सभी धरने पर बैठे पार्षदों के विरुद्ध अशोभनीय भाषा का प्रयोग कर बयानबाजी की। इस मामले में सामूहिक रूप से नेता प्रतिपक्ष द्रोपदी कोली के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।

खफा पार्षदों ने पार्टी आलाकमान को चेतावनी देते हुए दो टूक कहा है कि द्रोपदी कोली को नेता प्रतिपक्ष से तुरंत बर्खास्त किया जाए अन्यथा हम सभी पार्षद सामूहिक रूप से जिला संगठन प्रभारी, जिला प्रभारी मंत्री एवं अजमेर शहर में आने वाले तमाम प्रदेश स्तरीय न्रतागण व मंत्रियों का घेराव, प्रदर्शन व पुतला दहन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इतना ही नहीं बल्कि अंतिम रूप से सामूहिक रूप से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र भी दे देंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश प्रभार व आलाकमान की होगी।

आलाकमान को भेजे गए पत्र में श्याम प्रजापति, नरेश सत्यावना, बीना टांक, पिंकी बालोटिया, चंचल बैरवा, गीता देवी लखन, अंकित मोटवानी, हितेश्वरी टांक, मो वसीम, सर्वेश पारीक, नौरत गुर्जर, रश्मि हिंगोरानी, नरेश सारवान, मनीष सेठी, अनिता चौरासिया, कुशाल कोमल समेत कई पार्षदों के हस्ताक्षर हैं।