हिमाचल में आय से अधिक संपत्ति मामले में ड्रग कंट्रोलर अरेस्ट

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिमला उप क्षेत्रीय कार्यालय ने हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विनियमन निदेशालय में सहायक ड्रग कंट्रोलर (मुख्यालय) के पद पर तैनात निशांत सरीन को गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है।

ईडी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि ड्रग कंट्रोलर को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार, जालसाजी, धोखाधड़ी, आय से अधिक संपत्ति और आपराधिक साजिश से संबंधित एक जांच के सिलसिले में की गई है।

ईडी ने यह जांच हिमाचल प्रदेश पुलिस के राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसवीएसीबी) द्वारा निशांत सरीन (तत्कालीन सहायक ड्रग कंट्रोलर, बद्दी) के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इसके बाद एसवीएसीबी ने उन्हें गिरफ्तार किया था और उनके सहयोगी कोमल खन्ना के साथ उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।

निशांत सरीन पर हरियाणा के पंचकुला में भी एक अन्य एफआईआर दर्ज है, जो जेनिका फार्मास्युटिकल्स की साझेदारी विलेख में कथित जालसाजी से संबंधित है। आरोप है कि निशांत सरीन और कोमल खन्ना ने मिलकर धोखे और धमकी से कोमल खन्ना की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 फीसदी कर दी थी।

इसके अलावा, एसवीएसीबी, शिमला ने 23 सितंबर को निशांत सरीन के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर में उन पर एक अप्रैल, 2002 से 21 अगस्त, 2019 के बीच ड्रग इंस्पेक्टर और सहायक ड्रग कंट्रोलर के रूप में सेवा के दौरान आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 1.66 करोड़ रुपए की आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप है।

ईडी की जांच में पता चला है कि निशांत सरीन ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न फार्मा कंपनियों के मालिकों से रिश्वत और अनुचित लाभ लिए। इन अवैध गतिविधियों से उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से धन अर्जित किया और उसे अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने और एक विलासितापूर्ण जीवन शैली जीने में इस्तेमाल किया।

इससे पहले जून और जुलाई में ईडी ने इस मामले में तलाशी अभियान भी चलाया था, जिसमें लगभग 32 लाख रुपए के दो वाहन, करीब 65 लाख रुपए के सोने के आभूषण/ज्वेलरी और निशांत सरीन व उनके परिवार से संबंधित 48 बैंक खातों/एफडीआर में जमा 2.23 करोड़ रुपए की राशि को जब्त/फ्रीज किया गया था।

निशांत सरीन को शिमला की विशेष अदालत (पीएमएलए) के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे 14 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत भेज दिया है। मामले की आगे की जांच जारी है।