लखनऊ/अयोध्या। एक करोड़ 51 लाख कपालभाति क्रिया 1661 घंटे में पूरी कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने वाले अयोध्या के हनुमानगढ़ी के गोविंदगढ़ आश्रम में तैनात साधु महंत महेश दास को गुरुवार देर रात जिंदा जलाने की कोशिश की गई। महंत के अनुसार लगभग 2:45 बजे रात को कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उनके कमरे की जाली काटकर अंदर ज्वलनशील पदार्थ फेंका, तब वे गहरी नींद में थे।
महंत महेश दास के अनुसार आग की गर्मी बिस्तर तक पहुंचने पर उनकी नींद खुली और उन्होंने कमरे में धुआं व आग की लपटें देखीं। वे किसी तरह बाहर भागे और शोर मचाया। उनकी आवाज सुनकर शिष्यों ने पानी और बालू डालकर करीब आधे घंटे में आग पर काबू पाया, लेकिन बिस्तर और अन्य सामान पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया। घटना की तुरंत सूचना पुलिस को दी गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला उन्हें मारने की साजिश थी, जिसके पीछे धार्मिक संस्थान के आंतरिक विवाद जुड़े हैं। महेश दास ने बसंतिया पटी के महंत रामचरण दास सहित कई अन्य व्यक्तियों लड्डू दास, मन्नू दास, मणिराम दास, ममता देवी, नीतू देवी, खुशबू और शिवानी पर साजिश रचने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इन लोगों ने पहले भी उन पर झूठे मुकदमों में फँसाने की कोशिश की थी।
महंत के अनुसार, आर्थिक विवाद इसका बड़ा कारण है। उन्होंने दावा किया कि बसंतिया पटी के मुख्य महंत ने पिछले दो वर्षों से उनके आश्रम को मिलने वाली आर्थिक सहायता रोक दी है और चढ़ावे की धनराशि का दुरुपयोग कर करीब 2 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। इस संबंध में गद्दीनशीन महंत प्रेमदास को शिकायत भी की गई थी।
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि यह हमला महंतशिप और आश्रम की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद का परिणाम हो सकता है। पुलिस ने स्थल निरीक्षण कर महंत का बयान दर्ज किया है। अधिकारियों का कहना है कि आग लगने के कारण का पता लगाया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के आधार पर आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।



