बरेली हिंसा के आरोप में तौकीर रजा समेत आठ अरेस्ट, 3000 अज्ञात पर केस

बरेली। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान समेत आठ लोगों को बगैर अनुमति जुलूस निकालने, भड़काऊ नारेबाजी के आरोप में पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

जिलाधिकारी अविनाश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मौलाना तौकरी समेत आठ लोगों के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न आपराधिक धाराओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी आठ लोगों को अदालत के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने की कार्रवाई की गयी है।

उन्होंने बताया कि तीन हजार अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। बगैर अनुमति जुलूस निकालने, हिंसा भड़काने और भडकाऊ नारेबाजी करने के आरोप में कुल दस एफआईआर दर्ज की गई हैं जिनमें पांच कोतवाली कैंट में, एक किला थाने पर और बारादरी में शामिल है। उन्होने कहा कि शहर में पूरी तरह शांति है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

आर्य ने कहा कि हिंसा भड़काने की साजिश में बाहरी तत्वों के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंसा पर उतारु भीड़ ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया था क्योंकि मौके से मिली कुछ बोतलों में पेट्रोल की महक है। गनीमत यह रही कि इससे नुकसान नहीं पहुंचा।

उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल तत्वों की पहचान के लिएये सीसीटीवी कैमरों और वीडियो फुटेज की मदद ली गई है। इस मामले में 39 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। संवाददाता सम्मेलन में पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारिख भी मौजूद रहे। इस बीच शहर में अफवाहों पर लगाम कसने के लिये इंटरनेट सेवाओं को फौरी तौर पर बाधित किया गया है।

गौरतलब है कि शुक्रवार दोपहर जुमे की नमाज के बाद तौकरी रजा के नेतृत्व में इस्लामिया ग्राउंड पर आई लव मोहम्मद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर रही भीड़ अचानक बेकाबू हो गई जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।

पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय साहनी ने पत्रकारों से कहा था कि जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगाड़ने की साजिश की आशंका के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया था। नमाज के बाद पुलिस के निर्देश का पालन करते हुए 90 से 95 प्रतिशत भीड़ घर वापसी कर चुकी थी मगर बचे हुए शरारती तत्वों ने सुनियोजित साजिश के तहत नारेबाजी शुर कर दी जबकि प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी। इस बीच गोलीबारी में छर्रे लगने से दस पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी।

दरअसल, मौलाना तौकीर रजा खान ने 26 सितंबर को नमाज-ए-जुमा के बाद नामूसे रिसालत को लेकर इस्लामिया ग्राउंड में भीड़ एकत्र कर वहां से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च का ऐलान किया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग शुक्रवार दोपहर से स्थानीय इस्लामिया कॉलेज ग्राउंड पर इकट्ठा हो गए थे। शुरुआत में प्रदर्शन शांतिपूर्ण दिखा लेकिन अचानक माहौल गरमा गया। लोग नारेबाजी और धक्का-मुक्की करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भीड़ अचानक आक्रोशित हो गई। पुलिस ने जब भीड़ को काबू में करने की कोशिश की तो हालात और बिगड़ गए। इस पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। इसके बाद भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे।