नीतीश कुमार ने विश्वास मत हासिल किया, राजद में टूट

पटना। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने विधानसभा में मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के तीन सदस्यों के साथ से विश्वास मत शून्य के मुकाबले 129 से जीत लिया।

विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब डेढ़ बजे विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया जिसपर 2 घंटे से अधिक हुई चर्चा के बाद मतदान कराया गया, लेकिन मतदान से पहले ही राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। प्रस्ताव के पक्ष समर्थन में 129 मत पड़े। इससे पहले सभाध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 125 के मुकाबले 112 मत से पारित हो जाने के कारण आसन पर उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी बैठे थे इसलिए वह मतदान नहीं कर सके। हजारी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक हैं।

सरकार के पक्ष में राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने भी मतदान किया। वहीं सत्ता पक्ष के एक विधायक दिलीप राय सदन में अनुपस्थित थे। गौरतलब है कि 243 सदस्यीय बिहार विधान सभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 128 विधायक हैं। इनमें भाजपा के 78, जदयू के 45, हम के 4 और 1 निर्दलीय शामिल है। वहीं महागठबंधन के 114 विधायकों में राजद के 79, कांग्रेस के 19, वामदलों के 16 है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का भी एक विधायक है।

इससे पूर्व विश्वास मत पर हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके मंत्रिमंडल में रहे राजद कोटे से रहे मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि जब राजद के साथ हम सरकार बनाए थे तो शुरू में सब ठीक था, लेकिन बाद में पता चला कि वो लोग सरकार में रहकर कमाई कर रहे हैं। आज तक मेरी सरकार में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि राजद ने सरकार में बहुत गलत काम किया। वह इसकी जांच कराएंगे।

कुमार ने राजद पर विधायकों की खरीद फरोख्त का भी आरोप लगाया और कहा कि हमारी पार्टी को कितने लाख दिए जा रहे थे। ये पैसा कहां से आया। हम हर चीज की जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि आज तक विधायकों को एक ही स्थान पर बंद करके रखा गया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से जब से हम लोगों को काम करने का मौका मिला, हम लगातार काम कर रहे हैं। तब से बिहार का कितना विकास हुआ। पहले इनके (तेजस्वी) पिता और माता (लालू-राबड़ी) को पंद्रह साल का काम करने का मौका मिला तो क्या हुआ। कोई भी आदमी शाम होते घर से बाहर नहीं निकलता था, कहीं सड़क, रास्ता नहीं था। उन्होंने कहा कि ये लोग (राजद) मुसलमानों की बात करते हैं, लेकिन इनके शासन में कितना मुस्लिम हिंदू का झगड़ा होता था। जब हमारी सरकार बनी तो झगड़ा खत्म करवाए। दंगे के बंद केसों को खुलवाया और दूसरों को सजा दिलवाई। पीड़ितों को न्याय मिला, जो पिछली सरकार नहीं दिला पाई थी। उनकी सरकार ने हर वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए काम किया।

इससे पूर्व विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का प्रतीक है लालू यादव परिवार। उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में उनके राजनीतिक विरोधी ने नहीं फंसाया है बल्कि वर्ष 1996 में जब लालू प्रसाद यादव जनता दल के अध्यक्ष थे और केंद्र में उनकी पार्टी की ही सरकार थी तब चारा घोटाले की सीबीआई जांच हुई और उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने कहा, लालू जी 15 वर्ष सत्ता में रहे तो चारा खा गए, रेल मंत्री रहे तो रेलवे की नौकरी खा गए। आपकी यही क्वालिटी है। कोई गलतफहमी में न रहे। डेढ़ वर्ष की उम्र में ही तेजस्वी यादव अरबपति कैसे बन गए।

चौधरी ने कहा कि जब फिर से ये सरकार में आए तब फिर भ्रष्टाचार में लग गए। वह हर विभाग में उनके समय में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराएंगे। उन्होंने राजद की ओर से विधायकों की खरीद फरोख्त की हुई कोशिशों की चर्चा करते हुए कहा कि​ पांच विधायक जो हमारे जो गायब हुए हैं न, एक-एक का इलाज करूंगा। कहां-कहां वे रहे, आपके ही एक सदस्य कह रहे थे। पिछले एक सप्ताह से आप लोकतंत्र को लूटने का काम कर रहे थे। आपके विधायक तो सामने से आए और हमारे विधायकों को तो आपने छुपा कर रखा था। सबकी जांच होगी।

उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी लालू परिवार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ये लोग भ्रष्टाचार से करोडों रुपए की संपत्ति बनाते हैं और कार्रवाई होने पर भ्रम फैलाते हैं। लालू – राबड़ी राज में अपराधियों का बोलबाला था। हर को हाथ में हथियार देकर अपराधी बना दिया गया था, लेकिन जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी तब कोई नया अपराधी पैदा नहीं हुआ जो अपराधी थे उन्हें भी सुधरने का मौका दिया गया।

सिन्हा ने कहा कि आराम से पले बढ़े लोग जमीन पर संघर्ष नहीं कर सकते। जातीय उन्माद पैदा कर सकता भी नहीं बदल सकते हैं। राजद की मानसिकता बधुआ मजदूर वाली है। ये वंशवाद पर चलने वाले लोग हैं लेकिन देश में लोकतंत्र है। अब रानी के कोख से राजा पैदा नहीं होगा। अब जनता के वोट से कोई भी राजा बन सकेगा।