अन्ना विश्विविद्यालय यौन उत्पीड़न केस : बिरयानी विक्रेता ज्ञानसेकरन दोपी करार

चेन्नई। तमिलनाडु में चेन्नई की एक अदालत ने बुधवार को राज्य द्वारा संचालित प्रतिष्ठित अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न मामले में 37 वर्षीय ज्ञानसेकरन को दोषी ठहराया।

अदालत की न्यायाधीश एम राजलक्ष्मी ने एकमात्र आरोपी को बलात्कार, यौन उत्पीड़न, गलत तरीके से रोकने और आपराधिक धमकी सहित सभी 11 आरोपों में दोषी पाया और उसे दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने कहा कि वह दो जून को सजा सुनाएगी।

विश्वविद्यालय परिसर में यह घटना 23 दिसंबर, 2024 उस समय हुई जब इंजीनियरिंग दूसरे वर्ष की पीड़िता छात्रा सुनसान जगह पर अपने बॉय फ्रेंड से बात कर रही थी, तभी ज्ञानशेखरन वहां पहुंचा और यौन संबंध बनाए और प्रेमी को धमकाने के बाद छात्रा से मारपीट की। ज्ञानसेकरन बाद में सत्तारूढ़ द्रमुक का समर्थक पाया गया।

कोट्टूरपुरम के एक बिरयानी विक्रेता ज्ञानशेखरन ने उनके अंतरंग क्षणों की रिकार्डिंग करने का दावा करते हुए उन्हें धमकाया और फुटेज को विश्वविद्यालय के अधिकारियों और पीड़िता के पिता के साथ साझा करने की चेतावनी दी।

छात्र को जाने के लिए मजबूर करने के बाद, ज्ञानशेखरन छात्रा को एकांत इलाके में ले गया और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया, इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया। इसके बाद उसने धमकी भी दी की यदि वह उसकी मांग पूरी नहीं करेगी तो वह वीडियो लीक कर देगा। पीड़िता ने 24 दिसंबर को इस मामले की शिकायत दर्ज कराई, जिसके अगले दिन ज्ञानशेखरन की गिरफ्तारी हुई।

शुरूआत में मामले की जांच ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने की और बाद में मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के पर वरिष्ठ महिला भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) को शामिल करते हुए गठित इसे स्पेशल जांच (एसआईटी) को स्थानांतरित कर दिया गया। अदालत ने पीड़ितों की डिटेल वाली प्राथमिकी लीक होने को गंभीरता से लिया और पीड़िता को हुई मानसिक पीड़ा के लिए 25 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया।