FIR दर्ज नहीं होने पर थाने के सामने धरने पर बैठे किरोड़ी लाल मीणा

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद डा किरोड़ी लाल मीणा ने केन्द्र सरकार की जल जीवन मिशन के तहत कराये जा रहे कार्यों के लिए फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर करोड़ों का टेंडर लेकर फर्जीवाड़ा करने के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर यहां अशोक नगर थाने के बाहर परिवादी के साथ धरने पर बैठ गए।

इसके बाद पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने डा मीणा को इस मामले में वार्ता के लिए आयुक्तालय बुलाया, जहां वह बातचीत के लिए पहुंचे लेकिन कोई बात नहीं बनी और वार्ता विफल रहने पर मीणा वापस धरने स्थल पर आ गए। देर रात तक उनका धरना जारी था।

इससे पहले धरने शुरु करते समय डा मीणा ने मीडिया को बताया कि जल जीवन मिशन योजना में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार के खिलाफ मंगलवार को सचिवालय जाकर एडिशनल सीवीसी सोविला माथुर को जलदाय मंत्री एवं एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ शिकायत दी है और उम्मीद है कि इस मामले में कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इसके बाद वह इस मामले में जल जीवन मिशन के टेंडरों में हुए फर्जीवाड़े को लेकर एक शिकायत अशोक नगर थानाधिकारी को भी दी है लेकिन इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है। इस कारण वह थाने के बाहर धरने पर बैठ गए है।

मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमारे यहां हर एफआईआर दर्ज होती है, मैं केन्द्र सरकार की जल जीवन मिशन में राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम-2012 के सेक्शन 17 के उल्लंघन का मामला दर्ज कराने अशोक नगर थाने आया था लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो अब धरने पर बैठा हूं।

इस बीच धरनास्थल पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार जब ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने की बात करती है तो इस प्रमाणिक मामले में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। लेकिन उन्होंने पुलिस आयुक्त से भी बात की है लेकिन वह एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार नहीं है।

राठौड़ ने कहा कि इस मामले को लेकर मीणा ने परिवादी के साथ धरना दिया है और वह अेकेले नहीं है, वह भाजपा के सांसद है और जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होती तब तक यह धरना जारी रहेगा और इनके समर्थन में पार्टी के सांसद, विधायक एवं जनता भी आएगी और जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होगी तब तक यह मामला नहीं सुलटेगा। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे अब इसका असली चेहरा सामने आ रहा है।

उल्लेखनीय है कि डा मीणा ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी एवं विभाग के अतिरक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के खिलाफ जल जीवन मिशन के तहत कराए कार्यों में करीब बीस हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाया था।

उधर, डा महेश जोशी ने डा मीणा के उन पर लगाए गए आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया है। डा जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि डा मीणा के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं हैं और अगर यह मानहानि का मुकदमा बनता है तो इस पर कार्यवाही की जाएगी।