मुंबई। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) न्यायाधीश ए के लाहोटी का तबादला रद्द कर दिया।
न्यायाधीश लाहोटी पिछले कुछ वर्षों से 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले की रोजाना सुनवाई कर रहे थे और मामले का निष्कर्ष निकलने वाला था। अधिकांश दलीलें पूरी हो जाने के बाद उन्हें मुकदमे के बीच में ही नासिक स्थानांतरित कर दिया गया।
बॉम्बे उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में न केवल तबादला आदेश रद्द किया, बल्कि न्यायाधीश लाहोटी का कार्यकाल 31 अगस्त तक बढ़ा दिया।
न्यायाधीश लाहोटी ने इसके बाद आज मामले में सभी पक्षों को 19 अप्रैल से पहले अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया। इससे पहले अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष दोनों ने मौखिक दलीलें पेश कीं। उम्मीद है कि अदालत 31 अगस्त से पहले अपना अंतिम फैसला सुना सकती है।
बम विस्फोट के पीड़ित द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष एक अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के बाद स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया गया था। आवेदन में न्याय के हित में वर्तमान पीठासीन न्यायाधीश ए के लाहोटी के कार्यकाल को मुकदमे के पूरा होने तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया था।
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर 2008 को नासिक जिले के संवेदनशील मालेगांव शहर में एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण के फटने से छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इस मामले के आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शुदाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं जो सभी जमानत पर बाहर हैं।