बिलासपुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की तबीयत खराब होने पर अदालत ने हस्तक्षेप किया है। तेज बुखार की सूचना पर उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के माध्यम से जेल प्रशासन को विधि सम्मत सभी चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश जारी किए हैं। यह मामला न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ के समक्ष आया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने शपथ पत्र के रूप में उत्तर प्रस्तुत करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने पक्ष रखा। स्वास्थ्य और स्वच्छ पानी की मांग पर न्यायालय ने सुझाव दिया कि इसके लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन किया जाए। अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद निर्धारित है।
ईडी ने 18 जुलाई को भिलाई-3 स्थित बघेल निवास से चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए वे पहले सर्वोच्च न्यायालय गए और वहां से मिले निर्देशों के आधार पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। जांच एजेंसी का दावा है कि वर्ष 2019 से 2022 के बीच राज्य में लगभग 2,100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले का वित्तीय प्रबंधन चैतन्य ने किया।